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अपनी जमापूंजी से मरीजों को ऑक्सीजन कॉन्सन्ट्रेटर देने वाला ‘विशाल’ मन

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मुंबई. देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर का कहर जारी है. कोविड से होने वाली मौतों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. लगातार बढ़ते कोरोना मरीजों की वजह से देश भर के अस्पतालों में बेड, वेंटिलेटर, रेमडेसिविर और ऑक्सीजन की किल्लत जारी है. ऑक्सीजन समय पर न मिलने के कारण बेवजह लोगों की मौत होना, यह हालत न देख पाने के कारण अधिक लोगों तक ऑक्सीजन पहुंचना चाहिए और वह सही सलामत इस कोरोना से बचें, यह ठान कर मुंबई के भांडुप निवासी युवा विशाल कडणे ने अपनी जमापूंजी (fixed deposit) तोड़कर ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर मशीन्स खरीदे तथा वह जरूरतमंदों तक यह मशीन्स  पहुँचाने का काम भी कर रहे हैं.

राज्य में सब जगह ऑक्सीजन की किल्लत जारी है. समय पर ऑक्सीजन न मिलने से  मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ती है, यह ध्यान में आते ही विशाल कडणे ने अपने डॉक्टर ऑफ लिटरेचर के शिक्षा के लिए रखी जमापूंजी तोड़कर जरुरतमंदों को ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर मशीन उपलब्ध करवाकतर अपना दायित्व निभा रहे हैं. उनके सेवाकार्य से अब तक २५ से ज्यादा कोरोना मरीजों को राहत मिली है, और उनकी जिंदगी बची है.

ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर की उपलब्धतता मर्यादित और महंगी भी है. सामान्य लोगों के लिए यह ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर खरीदना संभव नहीं है. ऐसी प्रतिकूल स्थिति में विशाल ने अपनी एफडी तोड़कर १२ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे हैं.

ऑक्सीजन सिलेंडर के सर्वोत्तम पर्याय के रूप में ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटर का उपयोग घर पर भी कर सकते हैं. इसीलिए कोरोना के सामान्य लक्षम वाले मरीज कंसंट्रेटर की सहायता से घर पर ठीक हो सकते हैं तथा अस्पताल में ऑक्सीजन बेड अन्य गंभीर मरीजों को उपलब्ध हो सकते हैं. चिकित्सकों से यह जानकारी मिलने तके पश्चात विशाल ने समाजोपयोगी कार्य का निर्णय लिया. कोरोना की वजह से शिक्षा में रूकावट आई, पर किसी की जीवनरेखा न थमे, इस उदार मन से  विशाल ने जो कार्य किया है, वह सरहानीय है.

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