गर्मियों में देश के कई हिस्सों में जल संकट की भयावह समस्या देखने को मिलती है. अनेक स्थानों पर संकट गंभीरत होता है. इस भयावह समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने देशभर में जलाशयों का जीर्णोद्धार कर जल संरक्षण का संकल्प लिया है. संघ के स्वयंसेवक समाज को साथ लेकर 15 अप्रैल से 15 जुलाई तक अभियान चलाकर नदी, तालाब व अन्य जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का प्रयास करेंगे. इस अभियान को ‘हर बूंद अनमोल’ नाम दिया गया है. अभियान के दौरान स्वयंसेवक आम लोगों के सहयोग से नदियों-तालाबों का गहरीकरण, गाद हटाने और उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने का कार्य करेंगे. अभियान के दौरान स्थानीय लोगों को भी इसकी निरंतरता बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाएगा.
स्वयंसेवक प्रखंडवार एक तालाब या नदी को गोद लेकर उसके संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करेंगे. अभियान का नेतृत्व पर्यावरण संरक्षण गतिविधि द्वारा किया जाएगा. अभियान को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक तीन और चार अप्रैल को हरिद्वार में हो रही है, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को लेकर विस्तृत चर्चा होगी. चार अप्रैल की शाम राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी पर्यावरण और भारतीय संस्कृति विषय पर अपनी बात रखेंगे.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ झारखंड प्रांत पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के संयोजक प्रवीण कुमार दुबे ने कहा कि इस अभियान के तहत वर्षा जल संचयन के प्रति लोगों को जागरूक किया जाएगा. समाज के बीच काम करने वाले दूसरे संगठनों को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा. साथ ही समाज के सभी लोगों से इस अभियान में शामिल होने का आह्वान किया गया है.
उन्होंने कहा कि यदि वर्षा के जल का संचयन हम नहीं कर सकेंगे तो आने वाले समय में स्थिति और गंभीर हो जाएगी. जिस गति से भू-जलस्तर जगह-जगह नीचे जा रहा है, उससे आने वाले दिनों में पीने के पानी की समस्या गंभीर हो जाएगी. जब हम तालाबों का गहरीकरण करेंगे तो वर्षा का जल उसमें जमा होगा और जल का स्तर ठीक होगा.
अगस्त से चलेगा पौधारोपण अभियान
उन्होंने बताया कि जुलाई तक तालाबों व नदियों जैसे जलस्रोतों को ठीक करने के बाद अगस्त से पौधारोपण का अभियान पूरे देश में चलाया जाएगा. संघ के स्वयंसेवक पौधारोपण के साथ-साथ उसके संरक्षण की भी चिंता करेंगे. यह अभियान नवंबर माह तक चलेगा. इसके तहत करोड़ों पेड़ लगाने की योजना बनाई गई है.