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जबलपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महाकौशल प्रांत के नवीन प्रांत कार्यालय ‘छात्र शक्ति भवन’ का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य सुरेश सोनी जी, अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान, प्रांत संघचालक डॉ. प्रदीप दुबे एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी ने किया। कार्यक्रम में महाकौशल प्रांत के कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही।
सुरेश सोनी जी ने कहा कि संगठन को सुचारू रूप चलाने में कार्यालय का महत्व सर्वाधिक है। क्योंकि यहीं से हम चर्चा कर नीतियां बनाते और उसका क्रियान्वयन भी करते हैं। विद्यार्थी परिषद का विचार प्रवाह 9 जुलाई 1949 से निरंतर चल रहा है। परिषद की रीती-नीतियों पर चलकर आज लाखों कार्यकर्ता देश-विदेश में अपने कार्य के साथ-साथ सामाजिक भूमिका का निवर्हन भी कर रहे हैं। आज पूरे विश्व में सबसे बड़ा छात्र संगठन बनकर उभरा है अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद। नवीन कार्यालय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं की ऊर्जा का केंद्र बनेगा।
उन्होंने कहा कि पुराना कार्यकर्ता संगठन की एफडी की तरह है। अच्छा गुरु वही है, जो अच्छे कार्यकर्ता तैयार करता है, जो अपने गुरु से आगे निकले, यही भाव संगठन का रहना चाहिए। मुझे लगता है कि विद्यार्थी परिषद में यह भाव कायम है। तभी छोटे से कार्यालय अरुण डेयरी से विद्यार्थी परिषद ने अपना सफर तय कर आज भव्य और विशाल कार्यालय का निर्माण किया। विद्यार्थी युवावस्था की दहलीज में ही परिषद के संपर्क में आते हैं और भारतीय विचार परंपरा को आगे बढ़ाते हैं।
सुरेश सोनी जी ने कहा कि राष्ट्र पुर्ननिर्माण में विद्यार्थी परिषद की भूमिका अहम है। शिक्षा क्षेत्र में जितने भी व्यापक बड़े और युगानुकूल परिवर्तन हुए हैं, वह विद्यार्थी परिषद के आंदोलन और कार्यक्रमों के ही देन है। हम अपनी मान्य परंपराओं का पालन करके ही विश्व गुरु बन सकते हैं। जिसमें विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं का बड़ा योगदान होगा। यहां का कार्यकर्ता जिस क्षेत्र में जाएगा, वह राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका अदा करेगा।
उन्होंने कहा कि आज तकनीक जितनी आगे बढ़ रही है, व्यक्ति उतना ही वर्चुअल होता जा रहा है। वह अब रियल नहीं रहा। वर्चुअल और रियल दोनों दुनिया अलग हैं। दोनों में द्वंद है और होता रहेगा, क्योंकि संतुष्टि का कोई पैमाना नहीं होता और वह वर्चुअल लाइफ में नहीं मिल सकता। वह तो रियल लाइफ में ही अनुभव किया जा सकता है। यह अनुभव का विषय है। एआई जवाब नहीं दे सकता।
संगठन मंत्री आशीष चौहान ने शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हमारा पर्व है। अल्प सुविधा में भी कैसे काम किया जा सकता है, यह पूरे देश ने देखा है और पूरे देश ने उसका अनुसरण भी किया है। विद्यार्थी परिषद में आए कार्यकर्ता, यहां संगठन मंत्रियों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के मार्गदर्शन में कार्य करते हुए अपना लक्ष्य प्राप्त करते हैं। यह प्रक्रिया विद्यार्थी परिषद के स्थापना काल 9 जुलाई 1949 से अनवरत चलती आ रही है। विद्यार्थी परिषद महाकौशल प्रांत में आज एक लाख से अधिक सदस्य हैं और पूरे देश में 58 लाख सदस्य बने हैं। विभिन्न आंदोलनों और कार्यक्रमों से हमने यह साबित भी किया है कि हम विश्व के सबसे बड़े छात्र संगठन हैं।
उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया, ग्लोबल मार्केट, मार्क्स फाइल्स सभी अपने-अपने काम कर रहे हैं। आज नए रूप में चुनौतियां हमारे सामने हैं। अपने कार्य को वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप बनाना होगा। आज जो सपना हमारी पुरानी पीढ़ी ने देखा था, अब कंक्रीट में परिवर्तित हो चुका है। आज अधिकांश कैंपस में विद्यार्थी परिषद का कार्य है। मैं उम्मीद करता हूं की शत-प्रतिशत शिक्षा परिसरों में विद्यार्थी परिषद का काम होगा। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अपनी सात दशकों की ध्येय यात्रा को पार कर आज 58 लाख की सदस्यता कीर्तिमान स्थापित कर चुका है।
विद्यार्थी परिषद के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य डॉ. रघुराज किशोर तिवारी ने बताया कि किस तरह कम संसाधनों के साथ विद्यार्थी परिषद निरंतर कार्य करते हुए आज शिखर पर पहुंचा है।
संस्कारधानी जबलपुर महाकौशल प्रांत का केवल केंद्र ही नहीं, यह ऊर्जा धानी भी है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद महाकौशल प्रांत का सफर जबलपुर के राइट टाउन स्थित अरुण डेरी से प्रारंभ होकर अवस्थी जी का बाड़ा, समता कॉलोनी अन्य जगह होते हुए गुलौआ चौक के पास रुका, लेकिन वह अल्पविराम था। अब संस्कारधानी में नेपियर टाउन स्थित नवीन विद्या भवन स्कूल के पास युगानुकूल एक विशाल एवं भव्य आधुनिक कार्यालय वर्तमान चुनौतियां एवं नई तकनीक के साथ कार्य करने में सहायक होगा।
कार्यक्रम में आभार प्रदर्शन प्रान्त मंत्री माखन शर्मा ने किया।