रांची, 23 जून.
मुख्य अतिथि पद्म विभूषण कड़िया मुण्डा, विशिष्ट अतिथि राज्य सभा सांसद डॉ. महुआ माजी, नरेन्द्र कुमार, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा, व्यवसायी अजय सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित कर सरला बिरला विश्वविद्यालय के परिसर में चित्रपट झारखण्ड फिल्म फेस्टिवल का शुभारंभ किया.
कड़िया मुण्डा जी ने कहा कि आज भी हमारे यहाँ मानसिक गुलामी है. हम सभी देश के सेवक हैं और हम देश को किस ओर ले जाना चाहते हैं, यह हमें तय करना है. आज की फिल्में भारतीय संस्कृति की संवाहक नहीं, अपितु विरोधी हैं. समाज में सकारात्मक सोच का निर्माण करने वाली फिल्में बनाने की आवश्यकता है. आज के फिल्म निर्माता का यह दायित्व है कि वो इस सोच को बदलने के लिए काम करें. प्रत्येक को गिलहरी की तरह अपनी क्षमता, योग्यता और सामर्थ्य के अनुरूप प्रयास अवश्य करना चाहिए.
राज्यसभा सांसद डॉ. महुआ माजी ने कहा कि अपने झारखण्ड में भाषा, संस्कृति तथा प्रकृति के समृद्ध विरासत के साथ साथ कला साहित्य का भी सामर्थ्य प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है और ऐसे प्रयासों से ही यह क्षेत्र अपने राज्य में एक आकार ले सकता है. विकास का पश्चिमी मॉडल आज पूरी दुनिया को नाश करने में लगा है. प्राकृतिक रूप से झारखंड में फिल्म निर्माण की अपार संभावनाएं हैं.
नरेन्द्र कुमार ने कहा कि यदि राष्ट्र को गढ़ना है तो हमें सकारात्मक सोच के साथ फिल्में बनानी होंगी. उन्होंने चित्र भारती के उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला. भारतीय फिल्म संस्कृति, रीति – रिवाज, परंपरा एवं जीवन शैली को महत्व दिए जाने के लिए बनाई जानी चाहिए.
डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने कहा कि सिनेमा समाज का दर्पण होती है. हमारी अनदेखी के कारण हमारी संस्कृति पर अप-संस्कृति की धूल लग जाती है. सार्थक सिनेमा से समृद्ध संस्कृति विकसित होती है. भारत की संस्कृति, विश्व वंदनीय संस्कृति है. उन्होंने कहा कि चित्रपट झारखंड हमारी कला और संस्कृति के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभा को विकसित करने का अवसर उपलब्ध करा रही है. फिल्मों में स्थानीय, क्षेत्रीय फिल्मों का बढ़ावा मिलने से स्थानीय कला एवं संस्कृति का अवश्य ही विकास होगा.
इस अवसर पर डॉ. सुशील कुमार अंकन द्वारा निर्मित तथा राकेश रमण द्वारा लिखित लघु फिल्म चित्रपट झारखण्ड की यात्रा का उद्घाटन फिल्म के रूप में प्रदर्शन किया गया. अतिथियों ने भारतीय चित्र साधना के आगामी फिल्म फेस्टिवल के पोस्टर विमोचन किया किया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. नीतू सिंघी जी ने किया.
इस अवसर पर जूरी सदस्य अशोक शरण, रूपेश कुमार के साथ साथ प्रथम नागपुरी फिल्म निर्माता डी एन तिवारी सहित अन्य उपस्थित रहे.