करंट टॉपिक्स

समाज में बंधुता स्थापित करने हेतु एक होकर काम करेंगे – प्रदीप रावत

Spread the love

कराड, 2 जनवरी 2025. बंधुता परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद प्रदीप रावत ने कहा कि इतिहास के सागर में कोयला घिसना है या चंदन, इसका निर्णय हमें करना है. सच्चे अर्थों में हमारी प्रत्येक कृति में बंधुता का पालन कर हम चंदन की सुगंध को फैलाने का प्रयास करेंगे. हमारा गांव एक है, लेकिन हमारी बिरादरी भी एक होनी चाहिए.

2 जनवरी. 1940 को कराड (जि’ सातारा) में भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में आए थे. इस ऐतिहासिक घटना की स्मृति में श्री भवानी संघ स्थान पर बंधुता परिषद नामक वैचारिक कार्यक्रम का आयोजन लोक कल्याण मंडल ट्रस्ट की ओर से किया गया. डॉ. आंबेडकर इसी स्थान पर संघ की शाखा में पहुंचे थे.

प्रदीप रावत ने कहा कि डॉ. आंबेडकर का मानना था कि हिन्दू संगठन के बिना जाति भेदभाव नष्ट नहीं होगा. उसी तरह “सकल हिन्दू, बंधु बंधु” के विचार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिन्दू संगठन का काम कर रहा है.

चर्चा सत्र में आंबेडकरवादी विचारक क्षितिज टेक्सास गायकवाड, दलित महासंघ के अध्यक्ष मच्छिंद्र सकटे, बौद्ध युवक संगठन के अध्यक्ष विजय गव्हाले आदि गणमान्य अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए. भरत अमदापूरे ने इस आयोजन की भूमिका प्रस्तावना में रखी.

मच्छिंद्र सकटे ने कहा, “बचपन से ही अपने गांव में अछूत प्रथा की पीड़ा सहने के कारण मैं बंधुता की खोज में था. आरंभिक जीवन में तथाकथित प्रगतिशील कहलाने वाले लोगों द्वारा, विद्रोही लोगों द्वारा, वामपंथी विचारकों द्वारा मुझे भटकाए जाने के अनुभव मिले. ढोंगी प्रगतिशीलवादी लोगों से दलित समाज और संपूर्ण देश को बचाना होगा. जाति भेदभाव को नष्ट करके बंधुता निर्माण करने के लिए हम संघ के साथ हैं”.

क्षितीज गायकवाड ने कहा, डॉ. आंबेडकर पर सर्वाधिक अन्याय कांग्रेस के तत्कालीन नेताओं ने किया है और आज इसी पार्टी के लोग संविधान बचाओ का नारा दे रहे हैं.

विजय गव्हाले ने कहा, “देश के विभाजन के समय भी बाबासाहेब ने इस्लाम के खतरे के बारे में बार-बार बताया था. विभाजन के विरोध में उन्होंने कठोर भूमिका अपनाई थी. तत्कालीन कांग्रेस नेताओं द्वारा उनकी उपेक्षा किए जाने के कारण आज बांग्लादेश में हिन्दू व बौद्ध बंधुओं पर अत्याचार हो रहे हैं. डॉ. बाबासाहेब ने भारतीय परंपरा के बौद्ध धर्म का ही स्वीकार क्यों किया, इसका हम सबको विचार करना चाहिए. बंधुता के लिए हिन्दू समाज को डॉ. आंबेडकर को समझना होगा”.

परिषद का आरंभ बुद्ध वंदना से हुआ. कार्यक्रम का संयोजन लोक कल्याण मंडल ट्रस्ट के अध्यक्ष विजय जोशी ने किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *