लखनऊ. भारत-नेपाल सीमा पर प्रस्तावित सड़क के साथ वन्यजीवों के आने-जाने के लिए सुरक्षित रास्ता बनेगा. इसके लिए एनीमल पैसेज (वन्यजीव गलियारा) प्लान तैयार किया जाएगा. भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून इस प्लान का सर्वे करेगा. कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने 74,23,250 रूपये का बजट जारी कर दिया है.
भारत-नेपाल सीमा पर आईएसआई की संदिग्ध गतिविधियों और नेपाल की चीन के साथ बढ़ती नजदीकियों को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर चौकसी बढ़ाने का निर्णय किया है. इसके मद्देनजर यहां सीमा पर सड़क बनाने की कार्य योजना तैयार की गई है. उत्तरप्रदेश के 7 जिलों पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और महराजगंज से नेपाल सीमा सटी है. इसकी कुल लंबाई 590 किलोमीटर है. भारत- नेपाल सीमा पर 7 मीटर चौड़ी सड़क बनाई जानी है. इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून से एनओसी ली जानी है. संस्थान की अनापत्ति के लिए एनीमल पैसेज प्लान तैयार करना अनिवार्य है, ताकि सड़क बनने से वन्यजीवों की आवाजाही पर कोई असर न पड़े. इस एनओसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए ही प्रदेश सरकार ने आवश्यक बजट जारी किया है.