भीलवाड़ा. वस्त्र नगरी के रूप में पहचान रखने वाले भीलवाड़ा शहर में हालात गंभीर होते जा रहे हैं. हाल ही दिनों में जिस तरह की घटनाएं लगातार सामने आई हैं, वे चिंताजनक स्थिति को बयां कर रही हैं. चार मई की रात को एक युवक पर हमला, उससे पहले एक शोभायात्रा के वीडियो बना कर महिलाओं के फोटो के साथ छेड़छाड़, दो दिन पहले मामूली बात पर एक युवक की हत्या जैसी घटनाएं बता रही हैं कि पुलिस और प्रशासन हालात को नियंत्रित नहीं कर पा रहे हैं.
और जैसा कि हमेशा होता है..किसी क्षेत्र में मुस्लिम जनसंख्या 20-30 प्रतिशत हो जाए तो वह संवेदनशील कहलाने लगता है, भीलवाड़ा के सांगानेर जैसे कुछ क्षेत्रों का भी यही हाल है. यहां अक्सर तनाव की स्थिति बन जाती है. लेकिन हाल में जिस तरह की घटनाएं सामने आई हैं, वे बता रही हैं कि यहां पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं रह गया है. चार मई को सांगानेर क्षेत्र में दो मुस्लिम युवकों के साथ कुछ नकाबपोश लोगों द्वारा मारपीट की घटना तो सामने आ गई, लेकिन इसी दिन रात में एक हिन्दू युवक के साथ भी मारपीट की घटना हुई थी और इस युवक सांवरमल उर्फ संजय कीर ने पुलिस में दर्ज अपनी रिपोर्ट में समुदाय के कई लोगों पर मारपीट करने का आरोप लगाया. युवक ने बताया कि वह जिम से अपने घर जा रहा था. इसी दौरान लगभग सवा सौ लोगों ने उसे घेर लिया और उसके साथ मारपीट की. वह बड़ी मुश्किल से जान बचा कर वहां से भागा. पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आ है.
आदर्श तापड़िया की हत्या का मामला तो इतना संगीन है कि आश्चर्य होता है कि जरा सी बात पर कोई आखिर कैसे किसी की हत्या कर सकता है. इस मामले में बात सिर्फ इतनी सी हुई थी कि आदर्श का भाई अपनी मां के लिए जूस लेने जा रहा था. इस दौरान रास्ते में फालतू बैठे कुछ लड़कों ने उस पर फब्ती कसी कि तू तो जूस की बोतल से भी पतला है. उस बच्चे ने इन लोगों को बेवजह फब्तियां कसने के लिए टोका तो वे झगड़ा करने लगे. बच्चे ने घर जा कर बड़े भाई आदर्श तापड़िया को बताया तो उसने भी आ कर लड़कों को टोका और इसी बात पर रात में आदर्श को बुला कर उसकी हत्या कर दी गई.
मामले में हिन्दू संगठनों के प्रदर्शन और भीलवाड़ा बंद का असर देखने को मिला और पूरा शहर इस घटना के विरोध में खड़ा नजर आया. हालांकि, इसी दौरान शहर के एक अन्य हिस्से सुभाष नगर में स्कूली छात्रों के बीच झगड़ा हुआ, इसमें भी मुस्लिम छात्र शामिल थे, जिन्होंने चाकू, फेट आदि से हमला किया. घटना में पवन सिंह, विक्रम सिंह, श्रवण सिंह और युवराज सिंह घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
अब सोचा जा सकता है कि समुदाय यहां किस सीमा तक निरंकुश होता जा रहा है. बच्चों तक में हिंसा की भावना बढ़ती जा रही है. वहीं प्रशासन इन्हें काबू करने में असफल साबित हो रहा है. इससे पहले हिन्दू समाज की एक शोभायात्रा में महिलाओं के वीडियो बना कर उनके फोटोज के साथ छेड़छाड़ कर भद्दे कमेंट्स के साथ सोशल मीडिया पर अपलोड करने की घटना भी सामने आ चुकी है.
भीलवाड़ा में स्थितियां अंदर ही अंदर खराब होती जा रही हैं. प्रशासन ने यदि समय रहते सख्त कदम नहीं उठाया तो परिस्थितियां बिगड़ सकती हैं.