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कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास, सामाजिक समरसता से ही परिवर्तन की गति बढ़ेगी – डॉ. मोहन भागवत जी

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img_3123पानीपत (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी बृहस्पतिवार को अपने तीन दिवसीय प्रवास पर पानीपत पहुंचे. प्रवास के पहले दिन डॉ. मोहन भागवत जी ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश के जिला तथा विभाग प्रचारकों, सामाजिक समरसता, परिवार प्रबोधन, ग्राम विकास और गौ संरक्षण के कार्य में लगे हुए प्रचारक, प्रांत, क्षेत्र तथा क्षेत्र में रहने वाले अखिल भारतीय दायित्व के प्रचारकों की बैठक में भाग लिया. बैठक में उन्होंने कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, गौसंरक्षण और ग्राम विकास पर जोर दिया.

सरसंघचालक जी ने कहा कि कार्यक्षेत्र में आने वाले अनुभवों का हमारे जीवन में सकारात्मक परिणाम होना चाहिए. कार्यकर्ता को चिंतन, स्वाध्याय और संवाद करते रहना चाहिए. चिंतनशीलता मनुष्य को समृद्ध बनाती है. इससे व्यक्तिगत विकास तो होता ही है, समाज जीवन को भी इसका लाभ मिलता है. इसमें एक बात यह भी ध्यान रखनी चाहिए कि चिंतनशीलता के साथ विवेक भी अवश्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि समाज में कुटुंब प्रबोधन, ग्राम विकास, गौसंरक्षण, सामाजिक समरसता जैसी गतिविधियों की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है. इनसे ही समाज परिवर्तन की गति बढ़ेगी. जो समाज का विचार करते हैं, उन सबको साथ लेकर चलना, सबको जोड़कर चलना, यह हमारी कार्यप्रणाली का भाग बने.

हर स्तर पर हो टीम वर्क

उन्होंने कार्यकर्ताओं को कहा कि कार्य की सफलता के लिए टीम वर्क तथा सर्वसम्मति से कार्य करना चाहिए. हर स्तर पर टीम वर्क खड़ा होना चाहिए, इसी से समाज के लिए कार्य करने वाले प्रतिबद्ध लोग तैयार होंगे. बैठक में सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी जी, अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नंदकुमार जी, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य अशोक बेरी जी तथा महावीर जी भी उपस्थित रहे.

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