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कैराना की घटना जिहादियों के षड्यंत्र का नतीजा, होश में आए प्रदेश सरकार – विहिप

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नई दिल्ली. कैराना से हिन्दुओं के पलायन को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि 40 वर्ष पहले जो कस्बा हिन्दू बहुल था, आज वहां केवल 8% हिन्दू ही शेष रह गया है. उत्तर प्रदेश में कैराना के अलावा अन्य कई शहर और कस्बे हैं, जहां से हिन्दुओं का पलायन बहुत तेजी से हो रहा है. कांधला, थानाभवन और गंगोह के अलावा प. उत्तर प्रदेश के कई कस्बों में हिन्दुओं की यही दुर्दशा दिखाई दे रही है. इन सब स्थानों में हिन्दुओं की यह दुरावस्था एक दिन में नहीं बनी है. इसी स्थिति को देखते हुए 15 वर्ष पूर्व उ. प्रदेश के पूर्व राज्यपाल महामहिम राजेश्वर राव ने चेतावनी दी थी कि “प. उत्तर प्रदेश में कई पाकिस्तान पनपते हुए दिखाई दे रहे हैं”. दुर्भाग्य से वहां पर शासन करने वाले दलों ने देश और प्रदेश के हितों की जगह मुस्लिम वोटों को प्राथमिकता दी. अपराधी तत्वों पर कार्यवाही करने की जगह उनको संरक्षण दिया. हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों की अनदेखी की और जेहादियों को प्रोत्साहन दिया. लेकिन अब इन सबको समझ लेना चाहिए कि हिन्दू समाज आत्मरक्षा के लिए स्वयं तत्पर हो गया है. विश्व हिन्दू परिषद् उत्तर प्रदेश सरकार से अपील करता है कि वे आजम खान जैसे जेहादी तत्वों के चंगुल से बाहर निकल कर, कानून व्यवस्था बहाल करे. आजम खान के इस बयान कि ,” कैराना का विषय दंगाई ही उठा रहे हैं”, से  यह स्पष्ट हो गया है कि समस्त उ. प्रदेश में हिन्दू विरोधी और राष्ट्र विरोधी षड्यंत्र उनके ही  संरक्षण में हो रहे हैं. वे ही दंगाइयों और आतंकवादियों के रहनुमा के तौर पर काम कर रहे हैं. विहिप आजम खान के वक्तव्य की कठोर निंदा करती है. अगर आजम खान जैसों को जेल में नहीं पहुचाया गया तो इस सरकार की छवि पहले की तरह हिन्दू विरोधी बन जाएगी जो आत्मघाती सिद्ध होगी.

विश्व हिन्दू परिषद् जेहादी तत्वों को चेतावनी देती है कि वे जेहादी मानसिकता से बाहर निकलें. हिन्दू उनके दुश्मन नहीं हैं. उनके पूर्वज हिन्दू ही थे जिन्होंने विदेशी हमलावरों के दबाव में आकर धर्म परिवर्तन किया था. आजम खान जैसे स्वार्थी मुस्लिम नेताओं और जेहादी मौलवियों के षड्यंत्र उनको विकास नहीं विनाश के मार्ग पर ले जायेंगे. कोई भी हिन्दू को असहाय न समझे. हिन्दू समाज की सहनशक्ति  समाप्त होने के क्या परिणाम हो सकते हैं, ये सभी षड्यंत्रकारी कई बार देख चुके हैं.

डॉ. जैन ने दिल्ली में पत्रकारों को सम्बोधित करते कहा कि केवल उत्तर प्रदेश ही नहीं, भारत के कई अन्य प्रान्त जैसे बंगाल, आसाम, बिहार, जम्मू कश्मीर, केरल आदि के कई स्थानों पर हिन्दुओं पर इसी प्रकार के अत्याचार हो रहे हैं. इन सब स्थानों पर  हिन्दुओं को पलायन पर विवश करने के लिए लगभग एक जैसी कार्यशैली अपनायी जा रही है. हिन्दू लड़कियों के साथ छेड़खानी, बलात्कार, अपहरण, हिन्दू व्यापारियों से लूटपाट, हिन्दुओं का तरह तरह से अपमान, उनकी संपत्ति पर अवैध कब्ज़ा करके उन्हें आतंकित किया जाता है. अगर सामाजिक दबाव के कारण प्रशासन उन पर कार्यवाही करता है तो आजम खान जैसों के दबाव में उन्हें छोड़ना पड़ता है. हिन्दुओं पर होने वाले अत्याचारों के विरोध में कोई नहीं बोलता है, परन्तु अगर कहीं हिन्दू आत्मरक्षा में खड़ा होता है तो समस्त सेक्युलर बिरादरी आसमान सिर पर उठा लेती है और पीड़ित हिन्दू समाज को ही अपराधी सिद्ध करने की कोशिश करती है. अपने आपको सेक्युलर कहलाने वाले ये लोग सबसे अधिक सांप्रदायिक हैं जो अपने स्वार्थो के लिए देश की सुरक्षा को भी खतरे में डाल देते हैं. अब इनकी कलई भी खुल रही है. विहिप का इनको सुझाव है कि अप्रासंगिक बनने से पहले ही इनको आत्मनिरीक्षण कर अपने पापों के लिए देश से क्षमायाचना कर लेनी चाहिए.

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