चित्रकूट. देशभर में घोषित लॉकडाउन के चलते प्रभावित लोगों की सहायता के लिए विविध संगठन कार्य कर रहे हैं. गरीब और मजदूर वर्ग को लॉकडाउन ने सबसे ज्यादा प्रभावित किया है. प्रशासन के साथ ही सामाजिक संगठन व कार्यकर्ता सेवा कार्य में लगे हुए हैं. पंडित दीनदयाल उपाध्याय के एकात्म मानव दर्शन के विचार को मूर्त रूप देते हुए दीनदयाल शोध संस्थान भी आपदाकाल में अपना समाज धर्म निभा रहा है. दीनदयाल शोध संस्थान ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों गरीब, विधवा महिला, भूमिहीन मजदूर, दिव्यांग, बेसहारा वृद्ध और निराश्रित लोगों को राशन की सामग्री उपलब्ध करवा रहा है. ग्रामीण स्तर पर संस्थान के सहयोगी कार्यकर्ताओं द्वारा जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है.
इसी क्रम में आज आज गुप्त गोदावरी के आगे पहाड़ पर बसे जंगल के गांव थरपहाड़ के जनजातीय आदिवासी परिवारों को समाज के सहयोग से राशन सामग्री उपलब्ध करवाई. ऐसा लग रहा था – मानो कामतानाथ भगवान ने उनकी प्रार्थना सुन ली हो और देवदूतों को उनकी सेवा के लिए भेज दिया हो. इस अवसर पर श्री कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद के महंत श्री सत्यप्रकाश दास जी महाराज, दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन, नगर पंचायत चित्रकूट के सीएमओ रमाकांत शुक्ला, नायब तहसीलदार गणेश देश भृतार, कामदगिरि प्राचीन मुखारविंद के पुजारी पंडित रोहित महाराज सहित खोही के समाजसेवी महेश पटेल ग्रामीणों के बीच में रहे.
दीनदयाल शोध संस्थान के कार्यकर्ता चित्रकूट में श्री कामदगिरि परिक्रमा मार्ग एवं जंगलों के विभिन्न स्थानों पर, जहां बहु संख्या में बंदर एवं जीव-जंतुओं के साथ गोवंश है, वहां सेवा कार्य करते हुए भोजन प्रसाद की चिंता कर रहे हैं.
आश्रमों में संतों की आवश्यकता अनुसार उनका स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जा रहा है. दीनदयाल शोध संस्थान के प्रकल्प उद्यमिता विद्यापीठ, जन शिक्षण संस्थान और कृषि विज्ञान केंद्र के माध्यम से गांव-गांव में संचालित सिलाई प्रशिक्षण केंद्रों में कपड़ा उपलब्ध कराकर मास्क तैयार कराए जा रहे हैं. अभी तक लगभग 12 हजार मास्क ग्रामीण क्षेत्रों में एवं नगर में वितरित किए जा चुके हैं.