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जीवन को केवल सफल ही नहीं, अपितु सार्थक भी बनाएं – डॉ. मनमोहन वैद्य जी

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मनमोहन वैद्य जी (1)हाथरस (सासनी). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने कहा कि जीवन को फसल बनाने की तो एक बहुत लम्बी श्रृंखला है, किन्तु जीवन को सफल बनाना मनुष्यता का लक्ष्य नहीं है, अपितु जीवन को सार्थक बनाना मनुष्यता है, धर्म है और यही हम सबका कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि हम जीवन को सफल बनाने में ही पूर्णता मानते हैं. किन्तु जिस समाज ने हमें नाम, यश, धन दौलत आदि सब कुछ दिया है. उसको किसी न किसी रूप में लौटाना जीवन की सार्थकता है. हमारी संस्कृति में दूसरों के लिए किया गया कार्य ही धार्मिक कहलाता है. जैसे हम यहां रहते हैं, वह हमारा मकान है. जो दूसरों के लिए बनवाते हैं, वह धर्मशाला है अर्थात परोपकार है.

उन्होंने कहा कि आज महिला शक्तिकरण समाज की मुख्य आवश्यकता है. क्योंकि पिछले कालखंड में मुगल और अंग्रेजों के शासन काल में कुछ विकृतियां आ गईं और महिलाएं कमजोर हो गईं. अब उनके प्रतिकार और निर्मूलन हेतु महिला सशक्तिकरण परम आवश्यक है. सामाजिक एकता, संगठन और शक्ति के बल पर हम पुनः विश्व के सिरमौर बन सकते हैं.

मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजना ज्योति ने कहा कि नारी स्वावलम्बी बनकर अपने परिवार, गांव और राष्ट्र को स्वालम्बी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. नारी-शक्ति संस्कार सृजन एवं माता के रूप में सदैव पूज्यनीय रही है. नारी जगेगी तो समाज जगेगा. समाज जगेगा तो राष्ट्र जगेगा.

केएल जैन इंटर कॉलेज परिसर में राही फाउंडेशन एवं स्वदेशी जागरण फाउंडेशन के बैनर तले चौपाल द्वारा लघु ऋण वितरण समारोह का मुख्यातिथि केन्द्रीय राज्य मंत्री भारत सरकार साध्वी निरंजना ज्योति, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी ने मां सरस्वती, मां भारती, तथा स्वामी विवेकानंद जी के चित्र के सामने दीप प्रज्ज्वलन तथा माल्यार्पण कर शुभारंभ किया.

मनमोहन वैद्य जी (2)कार्यक्रम में फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने आगंतुकों को तुलसी पौधा भेंटकर उनका स्वागत किया.

मुख्यातिथि ने कहा कि संस्था की मान्यता है कि सूक्ष्म वित्तीय ऋण सहायता गरीबी दूर करने का एक बहुत ही प्रभावी साधन है. उद्यमशील गरीब महिलाओं को छोटी रकम के ऋण से सूक्ष्म उद्योग क्षेत्र में उत्पादन से लेकर उनके विक्रय तक की सभी प्रकार की गतिविधियां चलाने में उन्हें अवसर प्राप्त होंगे. उनकी आर्थिक विश्वासनीयता बढ़ेगी. क्योंकि  जहां महिला सशक्त होगी, वहां का समाज सशक्त होगा. और समाज सशक्त होगा तो राष्ट्र भी मजबूत होगा.

इस दौरान 110 महिलाओं को दस हजार रुपये का लघु ऋण दिया गया. जिससे वे अपने रोजगार को बढ़ाकर समाज और देश में अपनी सहभागिता प्रस्तुत कर सकें. कार्यक्रम में संस्था के अध्यक्ष यतेन्द्र शर्मा ने सभी का आभार प्रकट किया. गरीब और मजलूमों की सहायता कर उन्हें किसी मुकाम पर पहुंचाना ही सच्ची सेवा और पुण्य का कार्य है.

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