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जोधपुर में हुंकार सभा के लिये समन्वय समिति की बैठक आयोजित

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जोधपुर (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच के 25 से 27 दिसम्बर तक होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान 26 दिसम्बर को हुंकार सभा का आयोजन किया जाएगा. हुंकार सभा के सफल आयोजन के लिये हुंकार सभा समन्वय समिति की बैठक मंच के 7 सेक्शन, न्यू पावर हाउस स्थित कार्यालय में सम्पन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए ज्ञानेश्वर भाटी ने कहा  कि गांधी मैदान में होने वाली हुंकार सभा में विविध संगठन, किसान, मजदूर संघ के प्रमुख पदाधिकारी शहर के गणमान्य प्रबुद्धजन आस-पास से काफी संख्या में ग्रामीणजनों के आने की संभावना है.

ज्ञानेश्वर भाटी ने बताया कि देश में 6 लाख से अधिक गांव हैं, और विश्व का सर्वाधिक पशुधन यहां है. देश में 127 प्रकार के विविध कृषि जलवायु क्षेत्र हैं तथा एक करोड़ 24 लाख ग्रामीण उद्यम हैं. लेकिन सम्पूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था रासायनिक कीटनाशकों व उर्वरकों के अत्याधिक उपयोग से ग्रसित है और इससे हमारा देश इनके विषैले प्रभावों से खोखला होता जा रहा है. इसका एक मात्र उपाय जैविक कृषि है और हमारी गौ माता इसकी केन्द्र बिन्दु है. गौ माता से प्राप्त प्रत्येक उत्पाद जैविक कृषि के महत्वपूर्ण घटक हैं. हमारे देश में सिक्किम राज्य पूर्ण जैविक कृषि वाला राज्य है. जैविक कृषि द्वारा हम अपने कृषि जीन्सों का उत्पादन लगभग 25 प्रतिशत तक वृद्धि कर सकते है. जिससे विदेशों से दाल, खाद्य तेल, गेहूं आदि का आयात करते हैं. इसे रोका जा सकता है. और बहुमूल्य विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है. इसके साथ हमारी देशी नस्लों की गौ माता का संरक्षण व संवर्धन होगा और दूध न देने वाली गौ भी उपयोगी साबित होगी. वर्तमान समय में केन्द्र सरकार जीएम फसलों के खुले परीक्षण की अनुमति प्रदान कर रही है. वह हमारे लिए घातक सिद्ध होगी. इससे हमारी सम्पूर्ण कृषि जैव विविधता समाप्त हो सकती है. अभी जो चावल, सरसों, तिल, बैंगन, आदि की सैंकड़ों किस्में उपलब्ध हैं, वह विलुप्त हो जाएंगी. अनुवांशिक परिवर्तित फसलों का प्रभाव अन्य फसलों व पशु पालन की नस्लों पर भी पड़ेगा. इसको रोकने के लिए ही हुंकार सभा द्वारा सरकारों पर दबाव डाला जाएगा कि इसके खुले परीक्षणों पर पूर्णतया रोक लगे.

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