लखनऊ (विसके). देश के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण भारत रत्न के लिये नामित महामना पंडित मदन मोहन मालवीय एवं अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस 25 दिसंबर को विश्व संवाद केन्द्र लखनऊ में पत्रकार मिलन एवं परिचर्चा में सभी ने अनुभव किया कि केन्द्र सरकार का यह निर्णय पत्रकारिता जगत का भी मान बढ़ाने वाला है. क्योंकि मालवीय जी व अटल जी का पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान है. दोनों ने कई पत्र-पत्रिकाओं का सफलतापूर्वक सम्पादन किया.
कार्यक्रम में अनेक वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने भावोद्गारों में मालवीय जी को भारतीय संस्कृति का मूर्तिमान स्वरूप व भारतीय गौरव स्तम्भ बताते हुए कहा कि उनकी महानता निर्विवाद है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका पवित्र जीवन, उनकी सादगी, उनकी प्रबल देश भक्ति तथा बहुआयामी सेवायें भारतीय लोगों को सदा प्रेरणा देती रहेंगी. संयोग ही कहा जाये कि आज ही के दिन पूर्व प्रधान मन्त्री अटल विहारी वाजपेयी का भी जन्म दिवस है तथा दोनों महापुरूषों को एक साथ भारत रत्न से विभूषित किया गया है. अटल विहारी वाजपेई एक निर्विवाद और सर्वमान्य नेता के रूप में जाने जाते हैं. परिचर्चा में भाग लेने वालों में सर्वेश कुमार सिंह सम्पादक, कल्पतरु एक्सप्रेस, नन्दकिशोर श्रीवास्तव पूर्व सम्पादक स्वतन्त्र भारत, पायनियर के वरिष्ठ पत्रकार हरीराम मिश्र, उपजा के कार्यालय मन्त्री सुनील कुमार त्रिवेदी, दिवाकर अवस्थी, बृजेश तिवारी विकास प्रवाह, संदीप चर्तुवेदी, ब्रजनन्दन आदि अनेक पत्रकारों ने भाग लिया. पत्रकारों के अतिरिक्त कई समाज सेवी बन्धु भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे और अपने विचार भी व्यक्त किये, जिनमें सर्वेश कुमार व्दिवेदी अ.भा. मजदूर संघ, हरिहर सिंह संरक्षक दुलारी देवी परमहंस सेवा संस्थान लखनऊ, इं राजेन्द्र मोहन सक्सेना उल्लेखनीय हैं.