जालंधर (विसंकें). बाबा साहब आपटे स्मारक समिति द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रथम प्रचारक उमाकान्त केशव आपटे उपाख्य बाबा साहब आपटे के जीवन और दर्शन से सम्बंधित रविवार को पथिक सन्देश कार्यालय भगत सिंह चौक में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ. दीप प्रज्ज्वलन आपटे स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रो. बलवन्त सिंह ठाकुर जी, कार्यक्रम अध्यक्ष इरविन खन्ना जी और मुख्य वक्ता डॉ. गणेश भारद्वाज जी ने किया.
डॉ. गणेश भारद्वाज जी ने आपटे जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बाबा साहब आपटे जी का जन्म 28, अगस्त 1903 को यवतमाल महाराष्ट्र में हुआ. संघ की प्रचारक परम्परा के वे प्रथम पुष्प थे. उन्होंने अखिल भारतीय बौद्धिक प्रमुख व प्रचारक प्रमुख का दायित्व वहन किया. बाबा साहब ने संघ कार्य के प्रचार-प्रसार के लिए रक्त का कण कण और आयु का क्षण क्षण समर्पित कर दिया. उन्होंने अपने अथक परिश्रम, योग्यता व स्नेहमय स्वभाव से देश के अधिकांश भागों में संघ कार्य की नींव डाली.
दुर्गेश जोशी जी ने कहा कि बाबा साहब सदा इतिहास में आई विकृतियों से उद्वेलित रहते थे तथा अपनी संस्कृति को सम्भालने वाली संस्कृत भाषा की वर्तमान दशा से भी उद्विग्न थे. उनकी प्रेरणा से ही अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना और संस्कृत भारती की नींव रखी गई. आज इन संस्थाओं की शाखाएं देश भर में इतिहास संशोधन और संस्कृत के प्रसार के लिए कार्यरत हैं. इसके पश्चात सर्वदा शर्मा जी ने राष्ट्र भक्ति गीत प्रस्तुत किया. डॉ. रामपाल भारद्वाज पूर्व प्रिंसीपल दोआबा कॉलेज ने मृत्युंजयी प्रचारक आपटे जी के जीवन दर्शन पर विस्तार से प्रकाश डाला.
बाबा साहब आपटे स्मारक समिति के अध्यक्ष प्रो. बलवन्त सिंह ठाकुर जी ने समिति के कार्यों की विस्तार से चर्चा की. भारतीय इतिहास संकलन योजना के राष्ट्रीय सचिव शेर सिंह जी ने डॉ. रामपाल भारद्वाज जी को बाबा साहब आपटे स्मारक समिति का कार्यकारी अध्यक्ष बनाने की घोषणा की. कार्यक्रम अध्यक्ष इरविन खन्ना जी ने आपटे जी का आदर्श सबके सामने रखा और उस पर सभी को चलने का आह्वान किया. वन्दे मातरम् के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ.