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मजबूत राष्ट्र के लिए राष्ट्रभक्ति व राष्ट्रीय चरित्र मूल आधार – राम शिरोमणि जी

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DSC_7972इलाहाबाद (विसंकें). प्रयाग विभाग संघचालक रामशिरोमणि जी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रीय चरित्र होना चाहिए. जिसका निर्माण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा के माध्यम से कर रहा है. शाखा में प्रतिदिन आने से चरित्रवान व्यक्तित्व का निर्माण होता है. रामशिरोमणि जी रविवार को जार्जटाउन स्थित छत्रसाल शाखा के वार्षिकोत्सव के अवसर पर स्वयंसेवकों और उपस्थित नागरिकों को सम्बोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि अच्छे मानव के निर्माण में राष्ट्रीय चरित्र सबसे महत्वपूर्ण बिन्दु है. जिस तरह अच्छा रक्त शरीर को स्वस्थ रखता है, उसी तरह चरित्रवान मानव ही देश को स्वस्थ रख सकता है. शाखा में दुश्मनों से बचने के लिए नियु़द्ध भी सिखाया जाता है, जिससे वह किसी विषम परिस्थिति में बगैर हथियार से निपट सके और दुश्मन पर विजय पा सके. आततायियों को भगाने में कामयाब हो सके. सामूहिक शक्ति के लिए एक साथ चलना और एक स्वर में गीत का अभ्यास करके एकता का संदेश प्रवाहित किया जाता है. हमारा देश विश्व गुरू रहा है, लेकिन हमारे देश की संस्कृति को नष्ट करने के लिए अंग्रेजों सहित इससे पूर्व आने वाले आक्रमणकारियों ने संस्कृति को कमजोर करने का कार्य किया. परन्तु हमारे देश की संस्कृति इतनी मजबूत थी कि विदेशी शक्तियों को हारना पड़ा. हमारा देश विकासशील कहा जाता है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश को परमवैभव पर ले जाने के लिये प्रयास कर रहा है.

DSC_7951उन्होंने कहा कि भारत देश सदैव हिन्दू राष्ट्र रहा है और वर्तमान में भी हिन्दू राष्ट्र है. लेकिन इसे हिन्दू राष्ट्र कुछ लोग नहीं मानते है और कहते हैं कि यह तो विभिन्न धर्मों का राष्ट्र है. लेकिन पुराण व वेद में यह उल्लेख है कि हिन्दू राष्ट्र होने के साथ ही कर्मों के आधार पर कई वर्ग के रूप में स्थापित रहा है. इस अवसर पर वार्षिकोत्सव में अध्यक्षता करते हुए कल्पनाथ पाण्डेय ने कहा कि हमारा देश विविधता होने के बावजूद भी एक सूत्र से मजबूत बंधा हुआ है. जिसे और मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शाखा के माध्यम से काम कर रहा है. एकल गीत दिव्यांश ने प्रस्तुत किया.

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