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मध्यभारत प्रांत में भी बढ़ रहा संघ कार्य – अशोक पांडेय जी

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भोपाल (विसंकें). विश्व संवाद केंद्र भोपाल में प्रेस वार्ता में मध्यभारत प्रान्त सह संघचालक अशोक पांडेय जी ने कहा कि प्रतिनिधि सभा में 11 क्षेत्र, 42 प्रान्तों से 1396 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. श्री अमृता विश्व विद्यापीठम, कोयंबटूर (तमिलनाडु) के परिसर में आयोजित तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा बैठक के दौरान देश व समाज से जुड़े अहम विषयों पर चर्चा हुई. प्रांत अनुसार संघ कार्य एवं सम वैचारिक संगठनों के कार्यों को देशभर से आये प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में हिन्दू समाज पर हो रहे अत्याचार और निरंतर बढ़ रहे जिहादी तत्वों पर प्रमुखता से चिंता जताते हुए प्रतिनिधि सभा ने प्रस्ताव पारित किया है.

मध्यभारत में संघ कार्य – प्रान्त में वर्ष 2015 में 1,326 शाखाएं थीं, जो वर्ष 2016 में बढ़कर 1,439 हो गयीं हैं. बाल कार्य में गुणात्मकता और शाखाओं की वृद्धि की दृष्टि से मध्यभारत प्रांत में विशेष प्रयास किया गया. 24 से 27 नवंबर, 2016 को गुना में आयोजित प्रांतीय शिविर में 30 जिलों के 1,876 बाल स्वयंसेवक सहभागी हुए. ग्वालियर महानगर विभाग (ग्वालियर, लश्कर और डबरा) की सभी 137 बस्तियों में से 136 बस्तियां शाखायुक्त हो गई हैं. महाविद्यालयीन विद्यार्थी भी बड़ी संख्या में संघ के संपर्क में आकर संघकार्य से जुड़ रहे हैं. ज्वाइन आरएसएस के माध्यम से भी बड़ी संख्या में लोग संघ से जुड़ रहे हैं, जिनके प्रशिक्षण वर्ग भी संपन्न हुए हैं. मध्यभारत में इस वर्ष सामाजिक समरसता के लिए विशेष प्रयास किये गए. इस सन्दर्भ में मध्यभारत प्रांत में मुरैना में विभाग के खंड स्तर पर समरसता विषय में कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं की बैठक उल्लेखनीय है. इस बैठक में 333 ग्रामों से 3623 और 99 नगरीय बस्तियों से 1706 कार्यकर्ता उपस्थित रहे.

पश्चिम बंगाल में हिंसा पर प्रस्ताव पारित – दशकों से वामपंथी हिंसा का शिकार बना पश्चिम बंगाल सत्ता परिवर्तन के पश्चात् शांति और सुव्यवस्था की अपेक्षा कर रहा था. लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद हिन्दू समाज पर अत्याचारों की घटनाएं बढ़ी हैं. मालदा एवं धूलागढ में सत्ता प्रोत्साहित जेहादी हिंसाचार के कारण हिन्दू समाज को पलायन के लिए विवश होना पड़ा है. सभा में ‘पश्चिम बंगाल में बढ़ती जिहादी गतिविधियां – राष्ट्रीय हितों को चुनौती’ शीर्षक से प्रस्ताव पारित किया गया.

केरल में हिंसा पर चिंता – केरल में संघ और सम वैचारिक संगठन के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध हो रही हिंसा पर भी प्रतिनिधि सभा में चिंता व्यक्त की गयी. इस हिंसा के विरोध के में देशभर में 583 स्थानों पर धरने प्रदर्शन हुए, जिनमें 32 हजार महिलाओं सहित 3 लाख 72 हजार नागरिकों ने आक्रोश जताया.

तमिलनाडु में संघ के पथ संचलन के कार्यक्रम भी उल्लेखनीय हैं. क्योंकि, वहां पिछले 6 वर्ष से संघ के पथ संचलन पर सरकार ने प्रतिबन्ध लगा रखा था. मद्रास न्यायालय की अनुमति प्राप्त होने पर पूरे प्रान्त में निकले 19 पथ संचलन कार्यक्रमों में 11 हजार 556 संघ स्वयंसेवक सहभागी हुए.

गौ हत्या के संबंध में कहा कि संघ गौ हत्या का विरोध करता है और इस प्रकार की गतिविधियों की निंदा करता है. संघ बल और हिंसा पर विश्वास नहीं रखता बल्कि प्रशासन और कानूनी प्रक्रिया पर विश्वास रखता है. प्रेस वार्ता में क्षेत्र प्रचार प्रमुख नरेन्द्र जी जैन सहित अन्य उपस्थित थे.

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