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शिक्षा के साथ अनौपचारिक संस्कार देने वाली प्रणाली निर्माण करने की आवश्यकता – भय्या जी जोशी

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भिवंडीठाणे (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने कहा कि भारत की 40 प्रतिशत जनता आज भी गरीबी रेखा से नीचे रह रही है. देश में माध्यमिक शिक्षा प्राप्त किए, लेकिन उच्च शिक्षा से वंचित काफी संख्या में युवक बेरोजगार हैं. ऐसी स्थिति में युवकों को कौशल विकास का प्रशिक्षण देना भी राष्ट्रीय कार्य ही है. अपना देश एक बार पुनः विश्व में अपने स्थान को उजागर कर रहा है. ऐसे समय में कौशल विकास का प्रशिक्षण बहुत आवश्यक है. विधायक मंगल प्रभात लोढ़ा की संकल्पना से साकार हुआ माधव सदाशिव गोलवलकर श्री गुरूजी अध्ययन केंद्र आधुनिक काल का तीर्थक्षेत्र माना जाएगा. यह केंद्र क्षेत्र में ऊर्जा स्रोत का कार्य करेगा. वह ठाणे जिले के भिवंडी में अध्ययन केंद्र के लोकार्पण के पश्चात संबोधित कर रहे थे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस भी विशेष रूप से उपस्थित थे.

उन्होंने कहा कि औपचारिक शिक्षा से व्यवहारिक प्रश्नों के उत्तर नहीं मिल पाते, यह अनुभव हमने कई वर्षों से लिया है. इसलिए औपचारिक शिक्षा के साथ ही अनौपचारिक संस्कार देने वाली प्रणाली निर्माण करने की आवश्यकता है. शिक्षा से मनुष्य का निर्माण हो, ऐसी शिक्षा देनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 50 प्रतिशत से भी ज्यादा गांवों में विद्यालय हैं, लेकिन उनमें प्राप्त किया शिक्षण व्यवहारिक जीवन में उपयोगी नहीं है. और ऐसा बार-बार होने के कारण युवा पीढ़ी बेरोजगार है. इसीलिए आज भी देश की 40 प्रतिशत से भी अधिक जनता गरीबी रेखा के नीचे है. इनका विकास करने के लिए संवेदनशील व्यवस्था और ऐसी इच्छा शक्ति से प्रेरित सरकार के समन्वय की आवश्यकता है. जिससे व्यवस्था का विकेंद्रीकरण होगा और सशक्त भारत का निर्माण होगा.

उन्होंने कहा कि मंगल प्रभात जी ने यह सपना देखा और इसे प्रत्यक्ष स्वरूप में खड़ा किया. केंद्र में पूजनीय श्री गुरूजी की प्रतिमा स्थापित की गई है, उनके तेज व प्रभाव से केंद्र में प्रशिक्षित होने वाले प्रशिक्षणार्थियों में भी उसी तेज व प्रभाव का संचार होगा. कार्यक्रम में भिवंडी के सांसद कपिल पाटिल, विधायक रविंद्र चौहान, बिरला महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नरेश चंद्र, विद्या निकेतन महाविद्यालय के प्राचार्यविवेक पंडित सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि भारत की विशाल जनसंख्या को एक कुशल मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित कर दिया जाए तो यह भारत के लिए एक वरदान साबित होगा. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया है. विधायक मंगल प्रभात ने कहा कि मंदिर में धर्म का ज्ञान प्राप्त होता है, विद्यालय में छात्रों को शिक्षा मिलती है, संघ की शाखा में संस्कारों का निर्माण होता है. इसी लक्ष्य को हासिल करने के लिए श्री गुरूजी अध्ययन केंद्र एक प्रयास है. सीधे शब्दों में बढ़ते शहरीकरण के कारण संस्कारों का निर्वात पैदा हो रहा है, श्री गुरूजी अध्ययन केंद्र के माध्यम से कुछ हद तक इस खाई को पाटने का प्रयास किया जाएगा. अध्ययन केंद्र में एक लाख से अधिक पुस्तकों से सुसज्जित पुस्कालय है, केंद्र मेंकंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए लैब, भारतीय संगीत, कीर्तन, हवन-पूजा विधि, खुदरा प्रशिक्षण, मेडिकल व नर्सिंग प्रशिक्षण, खाद्य प्रसंस्करण, बैंकिंग व अकाउंटेंसी सिहत अन्य क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा.

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