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संपूर्ण हिन्दू समाज को एकता के सूत्र में पिरोने के प्रबल पक्षधर थे बाबा साहेब – डॉ विजय कायत

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Faridabad
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रोहतक (विसंकें). महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में इतिहास के प्राध्यापक व एमडीयू में डा भीमराव आंबेडकर खंड पीठ  के अध्यक्ष डॉ विजय कायत ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर को आमतौर पर दलितों के मसीहा व संविधान निर्माता के रूप में ही याद किया जाता है. वास्तव में बाबा साहेब एक प्रखर राष्ट्रभक्त, विद्वान, विधिवेत्ता, समाज सुधारक के अलावा धर्म, दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र की भी गहरी समझ रखने वाली महान विभूति थे. बाबा साहेब सामाजिक समरसता के माध्यम से अपनी परम्परा और जीवन मूल्यों का समयानुकूल पालन करते हुए सम्पूर्ण हिन्दू समाज को एकता के सूत्र में पिरोने के प्रबल पक्षधर थे.

शनिवार को फरीदाबाद में सेक्टर 10 स्थित राजस्थान भवन  में साप्ताहिक पत्रिका पाञ्चजन्य के  डॉ आंबेडकर पर विशेषांक  के लोकार्पण कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अछूतों व दलितों के उत्थान के लिए तो संघर्षरत थे ही,  वे एकात्म दृष्टिकोण से आजीवन चिंतन करने वाले महापुरुष थे. विदेश नीति के सम्बन्ध में बाबा साहेब साम्यवाद की विस्तारवादी नीति को भारत के लिये बड़ा खतरा मानते थे. साम्यवाद और लोकतंत्र का सह-अस्तित्व असंभव है.

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पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर ने कहा कि महापुरुष महापुरुष होते हैं, वे तेरे या मेरे नहीं होते, बाबा साहेब सबके हैं. जिनकी सोच में सदा देश सबसे ऊपर रहा हो तथा जिसने किसी जाति से नहीं बल्कि सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध लड़ाई लड़ी हो उनके जीवन को समग्रता के साथ दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करने के उद्देश्य से ही पाञ्चजन्य ने संग्रणीय विशेषांक का प्रकाशन किया है. पत्रिका में बाबा साहेब के जीवन के प्रत्येक पहलू पर सम्पूर्ण चित्र प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है. उन्होंने विश्वास जताया कि समरस समाज के निर्माण में यह अंक विशेष भूमिका निभाएगा.

मुख्य अतिथि टीएस विजय ने कहा कि दलित समाज की वास्तविक समस्याओं का ईमानदारी से अध्ययन करते हुए उनके निवारण की दिशा में सार्थक प्रयास किये जाने चाहिए. विशेषांक के  प्रकाशन के लिए पाञ्चजन्य  एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रशंसा करते कहा कि संघ समरस समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है.

विशिष्ट अतिथि त्रिलोक सिंह तंवर ने कहा कि हमें अपने समाज में व्याप्त बुराइयों को समाप्त करने की कोशिश करनी चाहिए, न कि धर्म परिवर्तन कर उनसे बचने का प्रयास. देश के सम्पूर्ण विकास के लिए ऊंच-नीच का भेद मिटना बहुत जरूरी है. कार्यक्रम की अध्यक्षता आल इंडिया बाल्मीकि यंगमैन एसोसिएशन के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष नरेश कुमार सौदाई ने की. महानगर संघचालक अजीत जैन, महानगर सह संघचालक डा अरविन्द सूद, सह प्रांत प्रचारक विजय कुमार सहित अन्य उपस्थित थे.

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