करंट टॉपिक्स

सकारात्मक लेखन की आवश्यकता

Spread the love

Sakaratmak Lekhan ki Avashyakaरायपुर. राज्य सभा के पूर्व सदस्य श्री गोपाल व्यास का कहना है कि देश की अनेक समस्याओं का समाधान लेखकों की लेखनी में छुपा है, इसलिये जितना सकारात्मक लेखन और चिन्तन होगा, समाज और देश अच्छे नतीजे हासिल कर सकेगा.

विश्व संवाद केंद्र की ओर से वरिष्ठ लेखक तथा स्तम्भकारों के लिये आयोजित परिचर्चा में गौवंश, नारी अस्मिता, आर्थिक उदारीकरण, धर्मान्तरण एवं नक्सलवाद जैसे विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये. प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री सुरेन्द्र सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में ऐसे आयोजन करते रहने पर जोर दिया. वरिष्ठ पत्रकार श्री बबन प्रसाद मिश्र ने कहा कि हिन्दू धर्म और संस्कृति को लेकर जिस तरह दुष्प्रचार हो रहा है, उसका मुकाबला अपनी लेखनी से करना होगा. वरिष्ठ कवि तथा साहित्यकार श्री गिरीश पंकज ने गौवंश को बचाने पर जोर दिया तथा कड़ा कानून बनाने की वकालत की.

अर्थशास्त्री तथा वित्त आयोग के सदस्य डॉ अशोक पारख ने कहा कि नई सरकार ने महंगाई पर अंकुश लगाने के लिये जो कदम उठाये, वे फौरी तौर पर राहत दे सकते हैं मगर असल चुनौती चीन और जापान के बिकते माल को रोकना है तभी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. साहित्यकार श्रीमती शकुंतला तरार ने वनवासी क्षेत्रों में धर्मान्तरण तथा राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष सुश्री शताब्दी पांडे ने महिला सुरक्षा तथा विकास का मुद्दा उठाया.

नक्सलवाद और संचार विषय के शोधकर्ता तथा इंडिया न्यूज के स्टेट हेड श्री संजय शेखर तथा लेखक किशोर तारे व दिनकर भाखरे ने क्रमशः माओवाद से जूझने व गौ पालने के फायदों पर शोधात्मक तर्क प्रसुत किये. कार्यक्रम का संचालन विश्व संवाद केंद्र के सह सचिव अनिल द्विवेदी ने किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *