भारत सरकार ने सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम पर सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की घोषणा की है. भारत की एकता और अखंडता के लिये योगदान पर सर्वोच्च सम्मान दिया जाएगा. 20 सितंबर, 2019 को गृह मंत्रालय ने सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान की अधिसूचना जारी की. ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान’ 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती के अवसर पर घोषित किया जाएगा.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार पद्म पुरस्कारों की तर्ज पर शुरू किया गया ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान’ राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदान किया जाएगा. यह देश की एकता और अखंडता में योगदान देने वाले संस्थानों या व्यक्तियों को दिया जाएगा.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल दिसंबर में गुजरात के केवड़िया में आयोजित पुलिस महानिदेशकों और पुलिस महानिरीक्षकों के वार्षिक सम्मेलन में इस सम्मान की घोषणा की थी. सरदार पटेल की प्रतिमा ‘यूनिटी स्टैच्यू’ यहीं स्थित है.
प्रधानमंत्री द्वारा एक पुरस्कार समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें कैबिनेट सचिव, प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, राष्ट्रपति के सचिव, गृह सचिव सदस्य के रूप में और प्रधानमंत्री द्वारा चुने गए तीन-चार प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे. जाति, धर्म, व्यवसाय, पद या लिंग के भेदभाव के बिना कोई भी व्यक्ति यह सम्मान पाने का हकदार होगा. यह सम्मान बेहद दुर्लभ मामलों में बहुत योग्य व्यक्ति को मरणोपरांत भी दिया जा सकेगा.
अधिसूचना के अनुसार सम्मान पाने वालों के नाम भारत के राजपत्र में प्रकाशित होंगे और राष्ट्रपति के निर्देशानुसार सम्मान पाने वाले सभी लोगों के नाम की सूची रखी जाएगी. यह सम्मान कमल के पत्ते के आकार का होगा. यह शुद्ध चांदी और सोने का बना होगा. इस पर कमल के फूल की नक्काशी बनी होगी. उस पर हिन्दी में लिखा होगा ‘सरदार पटेल राष्ट्रीय एकता सम्मान.’
भारत में स्थित कोई भी भारतीय राष्ट्रीय या संस्था या संगठन इस पुरस्कार के लिए किसी व्यक्ति को नामांकित करने में सक्षम होगा. व्यक्ति स्वयं को भी नामांकित कर सकते हैं. राज्य सरकारें, केन्द्र शासित प्रदेश प्रशासन और भारत सरकार के मंत्रालय भी नामांकन भेज सकते हैं. नामांकन हर साल आमंत्रित किया जाएगा. गृह मंत्रालय द्वारा विशेष रूप से डिजाइन की गई वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा.