नई दिल्ली. कोरोना संक्रमण के बाद सारे देश में लॉकडॉउन चल रहा है. ऐसे वक्त में गरीब लोगों, दिहाड़ी मजदूरों और रोज कमाने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. देश की राजधानी दिल्ली में ऐसे लाखों परिवारों को रोज भोजन और जरूरी राशन देने का काम किया जा रहा है. सेवा भारती के हजारों स्वयंसेवक दिल्ली की गरीब बस्तियों में लोगों को राशन मुहैया कराने का काम कर रहे है. गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों के लिए सेवा भारती ने एक राशन की किट तैयार की है, जिसे दक्षिणी दिल्ली के ओखला इंडस्ट्रीज इलाके में तैयार किया जा रहा है. ओखला औद्योगिक क्षेत्र में सेवा भारती की इस पैकिंग यूनिट में रोज हजारों राशन के डिब्बों को तैयार किया जा रहा है. राशन के इन डिब्बों में 10 किलो आटा, 2 किलो चावल, 2 किलो दाल, 1 किलो चीनी, 1 लीटर तेल, चाय की पत्ती, गरम मसाला, हल्दी, नूडल्स और सूखे दूध के पैकट शामिल है.
खास बात यह है कि राशन के इन डिब्बों को तैयार करने वाला स्टाफ पूरी तरह से पीपीई किट को पहनकर और कोरोना संक्रमण के पूरे प्रोटोकॉल को पूरा करते हुए पैकिंग के काम में जुटा है. पैकिंग की चार टेबल पर काम करने वाला स्टाफ सोशल डिस्टेंस का पालन करता है और पूरी तरह से डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करते हुए काम को अंजाम देता है.
सेवा भारती की इस पैकिंग युनिट से दिल्ली के कई इलाकों में गरीबों के घर राशन पहुंचाने का काम स्वयंसेवक कर रहे हैं. युनिट के इंचार्ज सुकेत धीर ने बताया कि यहां पैक होने वाले डिब्बों को दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में ले जाने के लिए स्वयंसेवकों की टोलियां लगी हुई है, जिन्हें यहां से राशन के डिब्बे दिए जाते है. इस यूनिट से अभी तक 50 हजार राशन के डिब्बों की आपूर्ति गरीब और जरूरतमंद लोगों के बीच की जा चुकी है. सुकेत धीर बताते हैं कि एक डिब्बे की लागत 1100.00 रुपये आती है. अगर कोई स्वैच्छिक संगठन, धार्मिक संगठन अथवा कोई व्यक्ति व्यक्तिगत तौर पर इसके लिए दान राशि देना चाहते हैं, तो सेवा भारती उसे स्वीकार करती है. कोई भी संगठन अथवा व्यक्ति 1 डिब्बे से लेकर 1000 डिब्बों तक की राशि दे सकता है. संकट की इस घड़ी में सेवा भारती द्वारा तैयार कराए जा रहे राशन के इन डिब्बों से लाखों परिवारों के घर में चूल्हा चल रहा है और उन्हें दो वक्त की रोटी मिल रही है. सेवा भारती का कहना है कि लॉकडॉउन के अवधि तक उनकी तरफ से यह सेवा कार्य निर्बाध गति से जारी रहेगा.