मेरठ (विसंकें). माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति जगदीश उपासने जी ने कहा कि पत्रकारिता में सबसे ज्यादा महत्व एक पत्रकार का है. समाचारों को किस स्वरूप में प्रस्तुत करना है, समाचार का एंगल क्या रखना है? यह पत्रकार को ही तय करना होता है. समाचार पत्र में सम्पादक हो या मालिक, दोनों की भूमिका सीमित है. आज पत्रकारिता व्यवसाय के दौर में है. ऐसा नहीं कहा जा सकता कि कोई भी व्यवसाय खराब है. हर व्यवसाय के कुछ नियम होते हैं, यदि उन नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो निश्चित रूप में वह समाज व देशहित में होगा. जगदीश उपासने जी विश्व संवाद केन्द्र मेरठ द्वारा आयोजित नारद सम्मान समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के भी कुछ मानदंड एवं मापदंड हैं. यदि पत्रकार और इस पेशे से जुड़े लोग इनका पालन करें और देशहित उनकी प्राथमिकता हो तो पत्रकारिता जिन उद्देश्यों के लिये जानी जाती है, वह सार्थक होगी. आज के पत्रकार को समाचार बोध के साथ-साथ तकनीक का ज्ञान भी आवश्यक है. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में उसे सभी पहलुओं की जानकारी रखना आवश्यक है.
नारद सम्मान समारोह में राष्ट्रदेव के सम्पादक अजय मित्तल जी ने कहा कि महर्षि नारद विश्व के आद्य संवाददाता थे. वर्तमान परिवेश में पत्रकारिता की विश्वसनीयता के संकट को समाप्त करने के लिये हमें उनके आदर्श पर चलना होगा. जिस प्रकार से महर्षि नारद की स्वीकार्यता सर्वत्र थी, उसी प्रकार आज की पत्रकारिता को राष्ट्रहित और समाज हित में कार्य करना होगा.
डॉ. नरेन्द्र कुमार जी ने कहा कि पत्रकारिता सच को उजागर करने का सशक्त माध्यम है. कभी-कभी राष्ट्रहित में सच को सामने लाने के लिये झूठ का भी सहारा लेना पड़ता है. यदि इसका उद्देश्य पवित्र है तो यह स्वीकार्य होना चाहिये.
डॉ. मनोज कुमार श्रीवास्तव जी ने कहा कि पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर संदेह समाचार माध्यम ही व्यक्त कर रहे हैं. इसके लिये हमें व्यवसायिकता और विचारधारा को प्रश्रय न देकर सत्य को लोगों के सामने लाना होगा. तभी इसकी विश्वसनीयता बरकरार रहेगी.
इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार अनुज मित्तल, अश्वनी कुमार, पारूल सिंघल, राजकुमार, रणजीत कुमार तथा आईआईएमटी के शिक्षक विशाल शर्मा को नारद सम्मान से सम्मानित किया गया. कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रशांत कुमार ने किया, विश्व संवाद केन्द्र न्यास के अध्यक्ष आनन्द प्रकाश जी ने आभार व्यक्त किया.