जोधपुर. सनसिटी को सोलर सिटी बनाने के उद्देश्य को लेकर स्वदेशी जागरण मंच व भारत सोलर डवलपमेंन्ट फोरम की राजस्थान में प्रथम बैठक जोधपुर स्थित स्टील रिरोलर्स एसोसिएशन भवन में शनिवार को आयोजित की गई.
बैठक को सम्बोधित करते हुए जोधपुर मूल के गुजरात के उद्योगपति व यूरो सोलर सैल के निर्माता राजाबाबू कल्ला ने कहा कि जब तक हम सोलर ऊर्जा क्षेत्र में गुणवत्ता की रक्षा नहीं करेंगे, तब तक इस क्षेत्र में सोलर ऊर्जा को प्रमुख ऊर्जा शक्ति नहीं बना सकते है. हमारी सूर्यनगरी सोलर शक्ति में सबसे अग्रणी रहे, इसके लिए क्षेत्र में आने वाली समस्याओं का निराकरण जल्दी करने की आवश्यकता हैं. सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान में कार्य वर्ष 2008 से चल रहा है, लेकिन वर्तमान समय में दो –तीन वर्षों में ही मध्यप्रदेश, तेलंगाना, आदि राज्य हमसे बहुत आगे निकल गए है. क्योंकि उन्होंने सोलर ऊर्जा की पॉलिसियों का सरलीकरण कर लिया. हम आज भी ऊर्जा क्षेत्र की पॉलिसियों को सोलर ऊर्जा के सहज उपयोग की आवश्कताओं के अनुसार नहीं बदल पाये हैं. ऊर्जा क्षेत्र में स्थित विभिन्न विभागों में समन्वय की कमी होने के कारण आम लोग सोलर ऊर्जा से नहीं जुड़ पाते है.
बैठक को सम्बोधित करते हुए सीए योगेश बिड़ला ने बताया कि सोलर क्षेत्र में सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी पॉलिसी को बदलने की आवश्यकता है. सब्सिडी को लेने के चक्कर में रूफ टॉप सोलर जिन्होंने लगाया था, उन्हें चक्कर काटने के बाद भी सब्सिडी का लाभ नहीं मिल पाया है. बड़े सोलर पार्क की तुलना में घरेलू रूफ टॉप बिजली बनाने के उपकरणों को लगाना महंगा पड़ता है और गुणवत्ता से भी समझौता करना पड़ता है. बैठक की अध्यक्षता करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राजस्थान क्षेत्र के संयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने कहा कि भारत सोलर डवलपमैन्ट फोरम राजस्थान का प्रयास रहेगा कि सोलर क्षेत्र में आने वाली समस्याओं को जल्द ही समाप्त किया जाये. इसके लिए फोरम ने 14 मई को स्टील भवन में जोधपुर डिस्कॉम, बिजली वितरण बोर्ड, सोलर क्षेत्र में क्रियाशाल कम्पनियों व आम लोगों के साथ संवाद ‘‘सौर शक्ति 2016’’ कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. कार्यक्रम में राधेश्याम बंसल जी का संवाद भी रहा. स्वदेशी जागरण मंच के कोषाध्यक्ष अतुल भंसाली जी ने भी अपने विचार रखे. मंच के विभाग संयोजक अनिल वर्मा ने बताया कि बैठक के मुख्य अतिथि जोधपुर प्रान्त के सह गौ सेवा प्रमुख कृष्ण गोपाल वैष्णव जी थे.