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सामाजिक व्यवस्था में समरसता एक श्रेष्ठ तत्व है – गुणवंत सिंह कोठारी जी

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आगरा (विसंकें). हमारे महापुरूषों ने भारतवर्ष की सृष्टि को समरसता के सूत्रों में हमेशा से एकीकृत करने का प्रयोग किया है और वर्तमान में इसका प्रकटीकरण हमें देखाई देता है – एक स्वयंसेवक के अनुशासन में. हमारा पड़ोसी किस जाति का है, किसान है या मजदूर, वकील है या डॉक्टर, छात्र है या व्यापारी, नौकरी करता है या बेरोजगार, धनी है या निर्धन, शिक्षित है या अशिक्षित, ये सब बातें उस समय गौण हो जाती हैं, जब हम सब भाई की भावना के साथ संघ के प्रशिक्षण वर्ग में प्रवेश करते हैं और भारत माता हम सबकी माता है, इस भाव से समाज में प्रवेश करते हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, ब्रजप्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (सामान्य) का फतेहाबाद रोड स्थित कुंडौल ग्राम के स्प्रिंग फील्ड इंटर कॉलेज प्रांगण में समापन हो गया.

समापन समारोह में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंत सिंह कोठारी जी ने कहा कि संघ 92 वर्षों से समाज जीवन के सभी क्षेत्रों में भारतीय जीवन मूल्यों को संबल देने, उनका संरक्षण करने तथा राष्ट्रीय एकता – अखंडता को मजबूती प्रदान करने का कार्य सहज रूप से कर रहा है. चरित्र निर्माण के लिए शारीरिक परिश्रम बहुत आवश्यक है. व्यक्ति में आध्यात्मिक विषय के संस्कार होना भी आवश्यक है. संघ व्यक्ति के चरित्र का निर्माण करता है और जीवन की विषमता में भी जीने की कला सिखाता है.

उन्होंने कहा कि संघ का कार्य आज देश की सीमाओं को लांघकर अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर अपनी विशेष पहचान बनाने में समर्थ हुआ है. यह सब अपने देव-दुर्लभ कार्यकर्ताओं के बल पर हुआ है. ऐसे ध्येयनिष्ठ कार्यकर्ताओं का निर्माण संघ की दैनन्दिन शाखा और प्रशिक्षण वर्गों में होता है. उन्होंने प्रशिक्षणार्थी स्वयंसेवकों से कहा कि समाज में समरसता व सेवा कार्यो द्वारा राष्ट्र को उन्नति के शिखर पर पहुंचाने के कार्य में जुटें, क्योंकि सामाजिक व्यवस्था में समरसता एक श्रेष्ठ तत्व है.

कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवा निवृत ब्रिगेडियर मनोज कुमार शर्मा जी ने की. वर्ग में आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी के 256 शिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. समापन सत्र में शिक्षार्थियों ने दंड, योगाभ्यास, नियुद्ध, समता, खेल, विजय वाहिनी, सूर्य नमस्कार और खेलों का प्रदर्शन किया. समापन समारोह का मुख्य आकर्षण शिक्षार्थियों द्वारा प्रस्तुत घोष वाहिनी का प्रदर्शऩ रहा.

समापन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ब्रज प्रांत प्रचारक डॉ. हरीश जी, वर्ग पालक राजपाल जी, वर्गाधिकारी जयप्रकाश जी, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख सतीश जी, सहित स्वयंसेवक व गणमान्यजन उपस्थित थे.

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