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आध्यात्मिक अधिष्ठान और भौतिक समृद्धि से युक्त समतामूलक समाज की स्थापना करना ही संघ का लक्ष्य

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लखनऊ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अवध प्रान्त द्वारा डॉ. राममनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के आम्बेडकर सभागार में आयोजित ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ – विचार और कार्य’ विषयक संगोष्ठी को मुख्यवक्ता के रूप में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार जी ने संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि आज पूरे देश में संघ के प्रति अनुकूलता का माहौल है. समाज जीवन में बहुत बड़ा वर्ग है जो संघ से जुड़ना चाहता है. इस प्रकार की संगोष्ठी का आयोजन देशभर में विभिन्न स्थानों पर संघ को बताने व समझाने के लिए किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि संघ का कितना भी कोई विरोधी क्यों न हो, एक बार शाखा में आ गया तो फिर वह संघ का होकर रह जाता है. सन् 1964 में बाबू जयप्रकाश नारायण संघ के संपर्क में आए. बिहार में अकाल के समय वह संघ कार्य को देखकर प्रभावित हुए. जयप्रकाश नारायण ने दिल्ली के संघ कार्यक्रम में कहा कि मेरी सम्पूर्ण क्रांति का स्वप्न कोई साकार करेगा तो वह संघ ही होगा. इसलिए हम ऐसे सभी लोगों से आग्रह करते हैं कि वह थोड़ा और नजदीक आएं तथा संघ को समझने का प्रयास करें.

अरुण कुमार जी ने कहा कि संघ प्रत्येक स्वयंसेवक में राष्ट्र के प्रति भक्ति, समाज के प्रत्येक व्यक्ति के प्रति प्रेम, समाज जीवन में अंतिम क्षण तक समर्पण और बिना किसी भेदभाव के लोगों को स्नेहभाव देना, ऐसे चार प्रकार के गुणों को विकसित करता है. इसलिए संघ दुनिया का इकलौता ऐसा अद्भुत संगठन है, जहां कार्यकर्ता को आगे बढ़ते देखकर सुखद अनुभूति होती है और समय के साथ-साथ संघ ने आवश्यकता के अनुसार अपना लक्ष्य, भगवा ध्वज और अपना विचार छोड़कर सब कुछ बदल दिया. भारत प्राचीन राष्ट्र, हिन्दू राष्ट्र और एक राष्ट्र है, यही संघ का विचार है. इस विचार में कभी कोई बदलाव नहीं होगा.

संघ के स्वयंसेवक प्रत्येक दिन शाखा पर प्रार्थना बोलते हैं – उसकी अंतिम पंक्ति में संघ का लक्ष्य क्या है, यह बताया गया है. संघ राष्ट्र को परमवैभव की ओर ले जाना चाहता है. आध्यात्मिक अधिष्ठान और भौतिक समृद्धि से युक्त समतामूलक समाज की स्थापना करना ही संघ का लक्ष्य है. गोष्ठी में आए लोगों की जिज्ञासा व प्रश्नों का भी उत्तर अरूण कुमार जी ने दिया.

विषय प्रवेश करते हुए विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष नरेंद्र भदौरिया जी ने कहा कि संघ जाग्रत समाज से राष्ट्र निर्माण के कार्य को अंगीकार करता है. जाग्रत समाज से ही अपेक्षा की जा सकती है. सबको साथ लेकर चलना संघ का कार्य व्यवहार है. विश्व को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प संघ ने लिया है. 94 वर्षों की अनथक यात्रा को संजोए भारत माता के मान वृद्धि के लिए संघ समाज जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में कार्य कर रहा है. मंच पर अवध प्रान्त के संघचालक प्रभुनारायण जी उपस्थित रहे. गोष्ठी का संचालन प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ.अशोक दुबे ने किया.

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