नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि भारत में सामाजिक भेदभाव समाप्त करने के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू की गई. इसे प्रामाणिकता से लागू किया जाता तो सब ठीक होता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. इस कारण शक्तिशाली घटक आरक्षण के लाभ उड़ा ले जाते हैं और अन्य पिछडे घटक आरक्षण के लाभ से वंचित रहते हैं, उनकी दुरावस्था होती है. इस दुष्चक्र को तोड़ना होगा. सरसंघचालक जी नागपुर के चिचभवन स्थित अण्णाभाऊ साठे स्मारक ट्रस्ट के सभागृह में आयोजित मार्गदर्शन एवं चिंतन शिविर में ‘मातंग समाज की दशा और दिशा’ विषय पर संबोधित कर रहे थे. ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक भावे की अध्यक्षता में कार्यक्रम संपन्न हुआ. उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के सभी वर्गों को एकजुट करने की आवश्यकता है. और विभिन्न संगठन आज इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.
कार्यक्रम में सरसंघचालक जी ने कहा कि समाज में आज जो समता दिखाई देती है, वह अधिकतर कानून के दबाव के कारण है. यह समाज की स्वस्थता का लक्षण नहीं है, समता लोगों के मन से होनी चाहिए. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उसकी (संघ की) स्थापना से इसके लिए काम कर रहा है. इस अभियान के अंतर्गत संघ द्वारा ‘गाँव में पानी, मंदिर और शमशान पर सबका समान अधिकार’ कार्यक्रम चलाया जा रहा है.
समाज की उपेक्षा के कारण पिछड़ता चला गया मातंग समाज हिन्दू समाज में बना रहा, यह इस समाज की हिन्दू धर्म तथा देश के प्रति निष्ठा दर्शाता है , ऐसा उल्लेख करते हुए डॉ. मोहन भागवत जी ने कहा कि राजनीति में चुनाव जीतने के लिए मतों का गणित एक मुख्य घटक बन गया है, जो संगठित होकर अपने मतों की ताकत दिखाते हैं वे विकास के लाभ लूट लेते है. राजनीति में अपनी शक्ति दिखाने के लिए मातंग समाज को भी संगठित होना होगा. शिक्षा, बल और एकता से अपनी शक्ति बढ़ानी होगी. इसके लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने सामाजिक उपक्रमों से मातंग समाज की हर संभव सहायता करेगा.
कार्यक्रम में मातंग समाज की ओर से वक्ताओं ने सरसंघचालक जी से मातंग समाज की समस्याएं सुलझाने के लिए मदद और हस्तक्षेप करने की माँग की. इस संदर्भ में सरसंघचालक जी ने स्पष्ट किया कि संघ राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करता. लेकिन संघ की विचारधारा के कार्यकर्ता राजनीति एवं शासन में हैं, संघ उन कार्यकर्ताओं से मातंग समाज की समस्याएं सुलझाने में सहायता करने के लिए कहेगा.
मातंग समाज के कार्यकर्ता विधायक सुधाकर भालेराव, प्रदीप बोरकर, अरविंद डोंगरे, दिलीप आगळे और अन्य ने मातंग समाज की समस्याओं की जानकारी दी. कार्यकर्ताओं ने कहा कि, आरक्षण का लाभ समाज के सभी पिछड़ों को उनकी आवश्यकता और अधिकार के अनुसार मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए आरक्षण के नीति की समीक्षा होनी चाहिए. लेकिन आरक्षण के लाभ दबाए बैठे घटक इसका विरोध करते है.
कार्यक्रम में अशोक भावे लिखित पुस्तिका का लोकार्पण सरसंघचालक जी ने किया. कार्यक्रम का संचालन सुचेता कावळे, अतिथियों का स्वागत भय्याजी बावणे, लहानुजी इंगळे और अन्य ने, तथा आभार प्रदर्शन योगेश धनकसार ने किया.