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स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण हर किसी की भागीदारी से संभव – राम नाईक जी

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Seva bhartiलखनऊ (विसंकें). सेवा भारती अवध प्रान्त की ओर से आयोजित विशिष्ट चिकित्सा सम्मान कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक जी ने कहा कि चिकित्सकों के लिये रोगी का स्वास्थ्य लाभ एकमात्र लक्ष्य होना चाहिये. चिकित्सक अपनी मांग और समस्याओं का समाधान संवैधानिक ढंग से खोजें. विरोध का तरीका ऐसा होना चाहिये कि रोगी के इलाज में कोई परेशानी न हो. चिकित्सक इस दृष्टि से कोई लक्ष्मण रेखा बनाएं.

राम नाईक जी ने कहा कि जिन्हें स्वास्थ्य सेवा की जरूरत है, उन्हें चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करवाना राष्ट्रसेवा है. चिकित्सक शहर के साथ-साथ गांव के गरीब मरीजों का भी ख्याल रखें. देश में 409 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज हैं, जिनसे हर वर्ष लगभग 50 हजार नये चिकित्सक उपलब्ध होते हैं. रोगी और चिकित्सक में अनुपातिक अन्तर विदेशों की दृष्टि से भारत में ज्यादा है. हमें रोग के उपचार के साथ-साथ रोग से बचाव के बारे में भी जानना जरूरी है. स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण हर किसी की भागीदारी से संभव है. सभी के भीतर सेवा का भाव होगा तो बीमारी बहुत दूर चली जाएगी. उन्होंने कहा कि सेवा भारती मानव सेवा का सबसे बड़ा काम कर रही है और इस सेवा से जुड़े लोगों का सम्मान बहुत जरूरी है क्योंकि इसी से समाज का विकास संभव होता है.

कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अशोक बेरी जी ने कहा कि मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य मीठी और प्यारी भाषा होनी चाहिए. उन्होंने ए मां तेरी सूरत से अलग, भगवान की सूरत क्या होगी लाइन कहकर सभी का दिल जीत लिया और कहा कि हर किसी को इसी तरह से सोचना होगा, तभी मानव जीवन सफल होगा. व्यक्ति जीवन का चिंतन ही समाज व राष्ट्र को आगे बढ़ाता है. हर व्यक्ति एक-दूसरे की जरूरत है और व्यक्ति साधना से सीखता है और उसकी साधना चल रही है.

seva bharti 1इस मौके पर सेवानिवृत न्यायमूर्ति रघुनाथ किशोर रस्तोगी ने कहा कि डॉक्टरों से आए दिन होने वाली मारपीट की घटनाएं दुखद हैं. मरीज और तीमारदार से मीठे दो शब्द बोल दिए जाएं तो आधी बीमारी और चिंता अपने आप खत्म हो जाती है.

चिकित्सा भूषण सम्मान

राज्यपाल राम नाईक ने सेवा भारती की ओर से 44 को चिकित्सा भूषण सम्मान देकर सम्मानित किया. सम्मान पाने वालों में केजीएमयू के कुलपति प्रो. रविकांत, डॉ. एसएन कुरील, सिविल अस्तपाल के डॉ. आशुतोष दुबे, आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. शैलेन्द कुमार सिंह परिहार, डॉ. पूरन चंद्र, डॉ. विभा सिंह, डॉ. उर्मिला सिंह, डॉ. सूर्यकांत, डॉ. एमएलबी भट्ट, डॉ. विश्वजीत सिंह, डॉ. सुमित रूगूटा, डॉ. एसपी अग्रवाल, डॉ. संदीप तिवार, डॉ. वीपी शर्मा, डॉ. समीर मिश्रा, डॉ. नीरज मिश्रा, डॉ. अवनीजा अग्रवाल, डॉ. संजीव कुमार सिंह, डॉ. कुलजीत सिंह, डॉ. तूलिका चंद्रा के साथ आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. अरविंद कुमार गुप्ता, डॉ. वीरेंद्र सिंह, डॉ. अभय नारायण तिवारी, डॉ. मंदीप जायसवाल, डॉ. राजकुमार साहू, डॉ. गिरीश गुप्ता, फिजिशियन डॉ. राजेश्वर दयाल, डॉ. प्रकाश चन्द्र गुप्ता, डॉ. रणेन्द्र कुमार सिंह, एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके सिंह, पीजीआई के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. सुनील प्रधान, बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. राजीव लोचन और पूर्व सीएमएस डॉ. एनएन त्रिपाठी शामिल रहे. इसके अलावा ग्यारह चिकित्सा कर्मियों को सम्मानित किया गया.

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