पुणे (विसंकें). केरल में माकपा सरकार और कार्यकर्ताओं द्वारा राजनीति के नाम पर खूनी खेल खेला जा रहा है. अब अत्याचारों की परिसीमा हो चुकी है. अतः इस सरकार को तुरंत बर्खास्त किया जाए, यह मांग भारतीय मजदूर संघ के उपाध्यक्ष उदय पटवर्धन जी ने की.
केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा की राजनीति के विरोध में पुणे स्थित प्रबोधन मंच संगठन की ओर से विरोध प्रदर्शन किया गया. इस अवसर पर आयोजित ‘धिक्कार सभा’ में उदय जी ने संबोधित किया. महाराष्ट्र के संसदीय कार्य एवं अन्न आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट, पुणे के सांसद अनिल शिरोले, पुणे महानगर के संघचालक रवींद्र वंजारवाडकर तथा संघ परिवार के अन्य संगठन सम्मिलित हुए थे. इस अवसर पर बड़ी संख्या में राष्ट्रवादी विचारधारा के कार्यकर्ता उपस्थित थे. कार्यकर्ताओं ने ‘कम्युनिस्ट पार्टी मुर्दाबाद’, ‘भारत माता की जय’ के नारों से वातावऱण गूंज उठा.
उदय जी ने कहा कि साम्यवादी विचारधारा का इतिहास प्रारंभ से ही राष्ट्र विरोधी रहा है. केरल में माकपा सरकार के संरक्षण में हिंदू राष्ट्रवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं की हत्याएं की जा रही हैं. न केवल हत्याएं की जा रही हैं, बल्कि अन्य अत्याचार भी किए जा रहे है. राज्य की सरकार संविधान को कुचल रही है, जिसे हटाना आवश्यक हो चुका है. केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन स्वयं केरल में हुई स्वयंसेवक की पहली हत्या के आरोपी रहे हैं. उन्हें अपने पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. केरल को दूसरा कश्मीर बनाने के प्रयास जारी हैं. केंद्र सरकार को चाहिए, कि केरल के पुलिस तंत्र को सशक्त करे.
गिरीश बापट ने कहा, कि केरल अब ईश्वर की नहीं, बल्कि शैतान की भूमि बन गई है. यह शैतान कोई और नहीं बल्कि माकपा है. केरल से राष्ट्रवादी विचारधारा को समाप्त करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह विचारधारा जीवंत रहेगी. सांसद अनिल शिरोले ने कहा कि साम्यवाद पूरे विश्व में परास्त हो चुका है और वह अब बचा खुचा अस्तित्व बनाए रखने के लिए प्रयासरत है. मुंबई से आए केरल के रमेश ने आपबीती सुनाते हुए बताया कि किस तरह केरल में स्वयंसेवकों पर सरकारी तंत्र की सहायता से अत्याचार किए जा रहे है. सभा के उपरांत केरल सरकार को बर्खास्त करने की मांग करने वाला ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया जो राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री को संबोधित है.
पश्चिम महाराष्ट्र प्रांत के सभी 7 जिलों में धिक्कार सभा का आयोजन किया गया. नासिक में उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. सातारा जिले में धिक्कार सभा का आयोजन किया गया. कोल्हापुर जिले में आक्रोश सभा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, भाजपा, अभाविप, भारतीय मजदूर संघ, बजरंग दल, राष्ट्र सेविका समिति, शिव प्रतिष्ठान संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे.