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चीन की हरकत से रोष – देशभर में विरोध प्रदर्शन, शी जिनपिंग का पुतला फूंका

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नई दिल्ली. भारतीय सैनिकों पर चीनी सैनिकों द्वारा धोखे से किये गए कायराना वार पर उसके खिलाफ आम लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है. लोग चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं. देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, चीन के राष्ट्रपति के पुतले और झंडे को जलाया जा रहा है. लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 जवान बलिदान हो गए थे. जिसके बाद पूरे देश में चीन के इस धोखे से लोग आहत है और अपना रोष प्रकट कर रहे हैं. भले ही चीन ने धोखे से हमला किया हो, लेकिन हमारे देश के वीर सैनिक मारकर मरे हैं, झड़प में चीन को भी अच्छा खासा नुकसान हुआ है.

देश के लोग चीन के सामान को न खरीद कर अपना विरोध जता रहे है. देश की राजधानी दिल्ली हो या फिर पहाड़ों की रानी शिमला सभी राज्यों में चीन के सामान का बहिष्कार हो रहा है. केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान ने इस अभियान को एक अच्छा आधार दिया है. भारत सरकार के विभिन्न उपक्रमों ने भी चीन के उपकरणों व तकनीक पर निर्भरता को समाप्त करने का निर्णय लिया है. बीएसएनएल ने जहां 4जी नेटवर्क में इस्तेमाल होने वाले चीन उपकरणों पर रोक लगा दी, वहीं भारतीय रेल ने कार्य में देरी के चलते चीन की कंपनी को दिया 471 करोड़ रूपए का टेंडर भी रद्द कर दिया है.

चीनी दूतावास के बाहर हो रहे प्रदर्शन

दिल्ली में स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं सहित पूर्व सैनिक भी सड़क पर उतर आये और उन्होंने चीनी दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. स्वदेशी जागरण मंच के लोग तीन मूर्ति भवन के पास एकत्र हुए और चीनी माल के बहिष्कार के नारे लगाने लगे. इसके बाद जागरण मंच के 10 कार्यकर्ता भी हिरासत में लिये गए, जिनको बाद में रिहा कर दिया गया. कोलकाता में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बंगाल के कार्यकर्ताओं ने महावाणिज्य दूतावास के सामने चीनी सैनिकों के कारयतापूर्ण हमले के खिलाफ प्रदर्शन किया. भारतीय लोग भारतीय सेना का समर्थन लद्दाख में चीन के खिलाफ की गयी कार्रवाई के लिए कर रहे हैं.

चीनी कायरता के खिलाफ पूरा देश सड़कों पर

पूरे देश में चीन के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं और लोग अपना आक्रोश प्रकट कर रहे हैं. जम्मू में चीन के विश्वासघात के खिलाफ लोगों ने भारी संख्या में एकत्र होकर शी जिनपिंग और चीन के झंडे को जलाया. वहीं बिहार में पूर्व सांसद पप्पू यादव ने पटना में एक जेसीबी मशीन पर चढ़कर चीनी मोबाईल फोन निर्माता के बैनर पर कालिख पोतकर चीनी माल के बहिष्कार की अगुवाई की. उत्तर प्रदेश में भी लोग सड़कों पर उतर कर चीन के खिलाफ आवाज बुलन्द कर रहे हैं. गोंडा, लखीमपुर, रायबरेली, वाराणसी समेत चीन और चीनी माल के विरोध में सड़कों पर आ गए. राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पुतले को आग के हवाले कर दिया. सपा, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस सहित सभी पार्टियों ने चीन को जवाब देने के लिए सरकार के साथ खड़े रहने की बात दोहराई है. उत्तरप्रदेश के नेपाल से सटे जिलों में सर्तकता को बढ़ा दिया गया है. पंजाब में जहां शहीदों को श्रद्धाजंलि दी गयी, वहीं चीन निर्मित वस्तुओं को तोड़कर और चीनी ध्वज को जलाकर प्रदर्शन किया गया. जालंधर में शिवसेना हिंद के सहदेव मार्केट में चीनी एलईडी तोड़कर चीन का विरोध किया गया. अमृतसर में शिवसेना पंजाब ने चीन का झंडा जलाया. राजस्थान में भी चीन और चीनी माल का जोरदार विरोध किया गया. नागौर के सुगनसिंह सर्किल पर विश्व हिन्दू परिषद् की ओर से चीनी माल की होली जलायी गयी. विहिप जोधपुर महानगर की ओर से 15 स्थानों पर, कोटा में भारत तिब्बत सहयोग मंच और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने चीनी उत्पादों की होली जलाई. वहीं चितौड़, बांसवाड़ा सहित राज्यभर में चीन के विरूद्ध प्रदर्शन किये गए. हरियाणा में भी चीन के विरोध में जोरदार प्रदर्शन हुए. रेवाड़ी में चीन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए जनजागरण अभियान चलाया गया. व्यापारी एवं वीर भगतसिंह युवादल के प्रधान दिनेश कपूर ने चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने की बात की. गुजरात में भी यही नजारा देखने को मिल रहा था. अहमदाबाद, सूरत और बडोदरा सहित पूरे राज्य में चीनी राष्ट्रपति और झंडे की तस्वीरें जलाई गयी. सूरत शहर के वरछा इलाके में पंचरत्न गार्डन सोसायटी के बाहर नोटिस लगे थे कि आज से हम चीनी सामान का बहिष्कार करते हैं. हिमाचल में भी अनेक स्थानों पर चीन के खिलाफ प्रदर्शन हुए. प्रदेश के कुल्लू और लाहौल में रोष का माहौल है. स्वदेशी जागरण मंच के प्रांत सह संयोजक गौतम कश्यप ने कहा कि चीनी सामान का पूर्णतः बहिष्कार किया जाना चाहिए. इसके लिए मंच ने अब लोगों को जागरूक करने के लिए कमर कस ली है. लद्दाख सीमा में चीन सैनिकों की नीच हरकत से समूचा देश गुस्से में है. शिमला में चीन के खिलाफ अलग तरह का गुस्सा नजर आया. शिमला के व्यापारियों ने चीन के खिलाफ नारेबाजी की व चीनी सामान को आग लगाकर इसका बहिष्कार किया. शिमला के व्यापारियों का कहना है कि वह सीमाओं पर जवानों की तरह तो नहीं लड़ सकते है. लेकिन चीन में बने सामान का बहिष्कार कर अपना योगदान दे सकते है. ताकि चीन की आर्थिकी पर इसका असर पड़े. बंगाल में विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों लोगों ने शहीद भारतीय जवानों के लिए न्याय की गुहार लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया और चीनी सामान के बहिष्कार की अपील की. चीन के खिलाफ प्रदर्शन करने के साथ ही चीन के सामान के बहिष्कार को लेकर भी आवाज बुलंद हो गई है. गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक चीन का विरोध हो रहा है. विभिन्न राजनीतिक दलों ने शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी. साथ ही चीन की इस नापाक हरकत की कड़ी निंदा की.

दौर में विश्व हिंदू परिषद ने विरोध स्वरूप महू नाका और पाटनीपुरा चौराहे पर चीनी राष्ट्रपति का पुतला दहन किया. प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने चीन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने चीनी सामान का उपयोग नहीं करने की शपथ ली. साथ ही जनता से चीन के सामानों का बहिष्कार करने और स्वदेशी अपनाने की अपील की. चीन का विरोध और दादागिरी खत्म करने के लिए और आत्मनिर्भर भारत बनाने का संदेश देने के लिए बीजेपी विधायक राम कदम ने चीनी सामानों को होली जलाई और खुद आज के बाद भारतीय सामान खरीदने की बात कही. राम कदम ने अपने बिल्डिग के परिसर में चाइनीज समान की होली जलाई.

नोएडा की 20 हजार एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियां भी करेंगी चीन का बहिष्कार

नोएडा में स्थित एमएसएमई क्षेत्र की 20 हजार कंपनियों ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार का निर्णय लिया है. एमएसएमई एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेन्द्र नाहटा ने सभी कारखानों को पत्र लिखा है कि वे चीनी उत्पादों का पूर्णतया बहिष्कार करें. नोएडा में एमएसएमई क्षेत्र की बोल्ट, पीपीई किट, मास्क और एलईडी लाईट्स सहित 500 से ज्यादा उत्पादों को बनाने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में चीनी माल का इस्तेमाल अभी तक होता आया है. सुरेंद्र नाहटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर चीनी उपकरणों के बहिष्कार के बारे में अवगत करवाया है. सरकारी टेलीकॉम कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल को सरकार ने पहले ही आदेश जारी कर दिये हैं कि चीनी उपकरणों का इस्तेमाल न करें. सुरक्षा कारणों से 4जी के अपग्रेडेशन में भी चीनी उपकरणों का प्रयोग बंद हो जाएगा.

चीनी सामान का विरोध छोटे व्यापारियों का समूह कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रैडर्स भी कर रहे हैं. चीनी माल के बहिष्कार की अपील मंत्रालयों से रही है. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की है और साथ अपने मंत्रालय में चीनी उत्पादों के खरीद पर रोक लगा दी है.

गुरुग्राम में भी व्यापारियों को फूटा गुस्सा

गुरुग्राम में व्यापारियों ने चीनी सामानों का विरोध करना शुरू कर दिया है. ओल्ड डीएलएफ फर्नीचर मार्केट में व्यापारियों ने चाइनीज फर्नीचर को इकट्ठा किया और उसमें तोड़-फोड़ करने के बाद आग लगा दी. इस प्रदर्शन में सैकड़ों लोग शामिल हुए. पूरे भारतवर्ष में चीन की कायरना हरकत पर सभी लोग क्षुब्ध हैं और अपना गुस्सा सड़कों में उतर चीनी उत्पादों को जलाकर, चीनी झंडे और शी जिनपिंग की तस्वीरों को जलाकर निकाल रहे हैं.

बहिष्कार से चीन में हड़कंप ग्लोबल टाईम्स में बहिष्कार रोकने की बात

ग्लोबल टाईम्स ने लिखा है – भारत में लद्दाख में सेनाओं के टकराव के बीच आरएसएस, स्वदेशी जागरण मंच, जैसे संगठन चीनी सामान के बहिष्कार की गैर-जिम्मेदाराना मुहिम चला रहे हैं. इस मुहिम का साथ सोशल मीडिया पर भारत के सेलेब्रिटीज भी दे रहे हैं. चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाईम्स ने ट्वीट भी किया है – सीमा संघर्ष के बाद भारत में चीन का बहिष्कार करने की आवाज बुलंद हुई है. ग्लोबल टाईम्स का कहना है कि सीमा विवाद को निवेश और व्यापार से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है.

चीन की नयी व्यापारिक चाल

देश में चल रहे मेड इन चाईना के बहिष्कार के बाद चीन ने अपने उत्पादों में मेड इन चाईना के स्थान पर पी.आर.सी. लिखना शुरू कर दिया है. दरअसल, अब भारत में चाईनीज माल के प्रति एक उपेक्षा करने का भाव है तो लोग हर चीज को देख रहे है कि इस पर कहीं मेड इन चाईना तो नहीं लिखा. इसी बात को देखकर चीन ने अब नयी व्यापारिक चाल चली है कि वह पी.आर.सी. लिखे उत्पाद ही भारत में भेज रहा है.

सोशल मीडिया में चाईनीज माल का विरोध

चीनी सैनिकों की बर्बरतापूर्ण और कायरना हरकतों का भारत में हर स्तर पर विरोध हो रहा है. लोग यद्यपि कोरोना की महामारी से आक्रांत हैं, लेकिन लद्दाख के गलवान में हुई झड़प के बाद अब लोगों की प्राथमिकता में चीन को सबक सिखाने की भावना है. यही कारण है कि सोशल मीडिया में हर वर्ग अपने अपने तरीके से चीन का विरोध कर रहा है. लॉकडाउन के कारण सोशल मीडिया में लोगों की व्यस्तता बढ़ी है, यही कारण है कि लोग चाईनीज विरोध के प्रति फोकस कर रहे हैं. चीन में बनने वाले उत्पादों की जानकारी से लेकर रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों में चीनी घुसपैठ के बारे में लोग एक दूसरे को जागरूक कर रहे हैं.

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