एक तरफ जहां कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संकट से निपटने के लिए भारत सरकार ने देश में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का आह्वान किया है, तो दूसरी ओर 21 मार्च को छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली मुठभेड़ के दौरान 17 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए. इन जवानों में STF और DRG के जवान शामिल हैं.
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के जंगल में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ के दौरान 17 जवान लापता हो गए थे, जिनकी तलाश की जा रही थी. पुलिस ने बताया कि आज रविवार को लापता सुरक्षा बल के 17 जवानों के शव बरामद हुए हैं. बस्तर आईजीपी सुंदरराज ने 17 जवानों की वीरगति की पुष्टि करते हुए बताया कि घायल जवानों को रायपुर में लाकर रामकृष्ण केयर अस्पताल में भर्ती किया गया है. घायल 14 जवानों में से तीन की हालत नाजुक है.
पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ दोपहर ढाई बजे कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास शुरू हुई थी. नक्सली ‘एरिया डोमिनेशन एक्सरसाइज’ को अंजाम दे रहे थे. तभी डीआरजी, कोबरा और एसटीएफ के जवानों ने संयुक्त ऑपरेशन के जरिए बुरकापाल और तिमेलिएदा क्षेत्र में नक्सलियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही तलाशी अभियान चलाया. नक्सलियों ने डीआरजी की टीम पर फायरिंग की. जिसके बाद सुरक्षा बलों की टीम पर नक्सलियों ने फायरिंग की, दोनों तरफ से फायरिंग हुई.
पुलिस को जानकारी मिली थी कि तेलंगाना के कई बड़े नक्सली यहां के नक्सली नेताओं के साथ बैठक करने आए हुए है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली हताहत हुए हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर अस्पताल में जाकर घायल जवानों से मुलाक़ात की हैं. हालांकि, वीरगति को प्राप्त जवानों को लेकर अभी उनका कोई बयान नहीं आया है.