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जानबूझकर महापुरुषों के इतिहास को युवा पीढ़ी से दूर रखा- इंद्रेश जी

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17भुवनेश्वर (विसंके). राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इंद्रेश कुमार जी ने कहा कि नेता जी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में गठित प्रथम स्वाधीन भारत सरकार को जापान, जर्मनी, रूस, सहित दस देशों ने मान्यता प्रादन की थी. यही नहीं वह स्वाधीन भारत के प्रथम सेनानायक थे. इंद्रेश जी 23 जनवरी को भुवनेश्वर के सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर (यूनिट-8) में नेताजी सुभाष की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित युवा सम्मेलन में उपस्थित युवाओं को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता पश्चात नेता जी उपस्थित होते तो 60 साल में भारत की राजनीति की छवि अलग होती. जानबूझकर सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, स्वामी विवेकानंद सहित अन्य महापुरुषों के इतिहास को युवा पीढ़ी से दूर रखा गया. आने वाले वर्षों में क्रांतिकारियों के जीवन को समाज के सामने लाने के लिये प्रयत्न करना आवश्यक है. युवा सम्मेलन में मुख्यातिथि के रूप में सेवानिवृत्त कर्नल हिमांशु शेखर महापात्र ने शिरकत की. उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी देश के लिये कर रहा हूं, यह सोच रख कर कार्य करे. सम्मेलन के दौरान शहीदों के परिवारों को सम्मानित किया गया.

22इससे पूर्व युवा सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय प्रचारक अद्वैत दत्त ने किया था. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी का राष्ट्रभक्त होना चरूरी है, यदि समस्त युवा पीढ़ी देश के लिये सोचना शुरू कर दे तो समस्त समस्याओं का समाधान निश्चित है, महानगर संघचालक डॉ बसंत कुमार पति, उत्कल प्रांत के सह प्रांत संघचालक समीर कुमार मोहंती भी उपस्थित थे. सम्मेलन में 1500 से अधिक युवाओं ने भाग लिया. जिसमें महानगर की 50 शाखाओं सहित कालेजों के विद्यार्थी उपस्थित थे. युवाओं ने देशभक्ति गीत, और नेता जी सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर नाटक का प्रदर्शन किया. अंत में माननीय इंद्रेश जी ने युवाओं की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया. युवाओं ने दोपहर के समय हाथ में भगवा ध्वज लेकर, विभिन्न महापुरुषों की वेशभूषा बनाकर नगर में शोभा यात्रा भी निकाली.

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