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दिल्ली में संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ी, सामाजिक समरसता पर बल

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नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दिल्ली प्रांत कार्यवाह भरत भूषण जी ने कहा कि दिल्ली दिल्ली प्रांत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखाओं की संख्या बढ़ रही है और अन्य गतिविधियों के अलावा सामाजिक समरसता कार्यक्रमों में समाज की भागीदारी में वृद्धि पर विशेष बल दिया जा रहा है, जिसके सुखद परिणाम भी मिले हैं. भाग्यनगर में 25 अक्तूबर, 2016 को संपन्न संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल बैठक के संदर्भ में विभिन्न विषयों पर चर्चा करते हुए भारत भूषण जी ने बताया कि दिल्ली प्रांत में शाखाओं की संख्या बढ़कर 1889 हो गई है.

उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के विस्तार के लिए इस बार दिल्ली में 200 से अधिक रामलीलाओं में आयोजन समितियों व स्थानीय निवासियों के सहयोग से अनुसूचित जाति अथवा जनजाति समुदाय के सदस्य को मुख्य अतिथि बनाया गया. इन रामलीलाओं में भगवान बाल्मीकि का पूजन भी किया गया.

इसी प्रकार संघ के सहयोग से भगवान बाल्मीकि जयंती पर स्थानीय समुदायों व सामाजिक संगठनों द्वारा 142 स्थानों पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. शरद पूर्णिमा संघ के लिए एक महत्वपूर्ण् उत्सव है. इसी दिन भगवान बाल्मीकि जयंती भी थी. इस अवसर पर संघ की सभी शाखाओं पर भगवान बाल्मीकि के चित्रों का पूजन किया गया और उनके जीवन पर स्वयंसेवकों को जानकारी दी गई.

सामाजिक समरसता के संदर्भ में ही आंबेडकर जयंती पर संघ के दिल्ली प्रांत की ओर से समरसता घोष का संचलन किया गया और बड़ी सभा भी आयोजित की गई. उन्होंने कहा कि दिल्ली में सामाजिक समरसता के संदर्भ में ही ‘सेतु योजना’ आरंभ की गई, जिसके अंतर्गत उत्तर पूर्वी दिल्ली की 35 बस्तियों को प्रथम चरण में लिया गया है. इन बस्तियों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलंबन से जुड़ी सरकारी योजनाओं के लाभ कम से कम 10,000 लाभार्थियों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.

आगामी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए उन्हेांने कहा कि  संघ  गुरू गोविंद सिंह जी की 350वीं जयंती के कार्यक्रमों में पूरे उत्साह से भाग लेगा और समाज के सभी वर्गों को अधिक से अधिक संख्या में इस जयंती से किसी न किसी रूप से जोड़ने का प्रयास करेगा.

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