रांची (विसंकें). राम अवतार नरसरिया जी ने कहा कि “वर्तमान समय में पत्रकारों को आद्य पत्रकार देवर्षि नारद से सीखने की जरूरत है. पत्रकारों का काम खबरों का संग्रहण, सम्पादन और सम्प्रेषण करना है और नारद बखूबी इस काम को करते थे. जनहित के जो मुद्दे होते थे, जितनी स्पष्टता और निर्भीकता से वे सम्बन्धित लोगों तक पहुंचाते थे. वह आज के पत्रकारों के लिए मील का पत्थर है. यदि एक पंक्ति में कहा जाय तो देवर्षि नारद पत्रकारिता के आधार स्तम्भ हैं. किन्तु वर्तमान समय में पत्रकारिता का जो स्वरूप बनता जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए घातक और पत्रकारिता के प्रति आम लोगों में गलत धारणा को निर्मित कर रहा है. देवर्षि नारद जिस लोक कल्याण की कामना की बात करते थे, आज हम उससे दूर होते जा रहे हैं. लोक का स्थान आज स्व लेता जा रहा है. हमें देवर्षि नारद से यह प्रेरणा लेनी चाहिए कि जिस तरह से लोक कल्याण और लोक प्रचार के लिए वे सदैव तत्पर रहते थे, हमें भी इन नीतियों को आत्मसात करने में संकोच नहीं होना चाहिए. आज के इस व्यावसायिक माहौल में पत्रकारिता की आत्मा को हमें हरहाल में संरक्षित रखना चाहिए, तभी लोकतंत्र सार्थक और सुदृढ़ होगा”.
विश्व संवाद केंद्र सभागार में देवर्षि नारद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में अध्यक्ष के नाते संबोधित कर रहे थे. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह प्रांत संघचालक अशोक श्रीवास्तव जी ने भी अपने विचार रखे और देवर्षि नारद को आज भी पत्रकारिता के लिए प्रासंगिक बताया. इस अवसर पर अरुण कुमार बरनवाल, प्रीति सिंह, संजय जैन सहित अनेक पत्रकार उपस्थित थे.