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देश में विस्थापित होकर आने वाले हिंदुओं की चिंता करे सरकार – सरकार्यवाह भय्या जी जोशी

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DSC_0235नागपुर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अन्य देशों से विस्थापित होकर भारत में आने वाले हिंदुओं की ओर ध्यान देने और उन्हें सुविधाएं प्रदान करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया. सरकार्यवाह सुरेश भय्या जी जोशी ने प्रतिनिधि सभा की बैठक के अंतिम दिन पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार को भारत से बाहर किसी भी तरह की समस्या का सामना कर रहे हिंदुओं की ओर ध्यान देना चाहिये. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में हिंदुओं के लिये केवल भारत देश है. यदि असहाय हिंदु देश में आते हैं तो सरकार को उन्हें सुरक्षा सहित सहायता और सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहियें.

राम मंदिर के मुद्दे पर भय्या जी जोशी ने कहा कि राम मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिये, लेकिन मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है तथा उसका परिणाम आना अभी बाकी है. इसिलये अभी मंदिर निर्माण के लिये किसी आंदोलन का सवाल नहीं है, हम न्याय व्यवस्था के प्रति सम्मान रखते हैं.

उन्होंने कहा कि हिंदुत्व एक जीवन पद्धति है. पूजा पद्धति कोई भी हो, प्रत्येक को भारतीय संस्कृति, परंपराओं, चिंतनल को स्वीकार करना चाहिये. सांस्कृतिक मूल्यों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नहीं होगा.

भय्या जी ने कहा कि हिंदुत्व जीवन जीने की पद्धति है, और किसी को भी कोई भी पूजा पद्धति अपनाने की स्वतंत्रता है, पर यह राष्ट्र विरोधी नहीं होनी चाहिये. यदि कोई हिंदु समस्याओं से परेशान होकर देश में आता है तो उसका आदर सहित स्वागत करना, हित चिंतन करना सरकार का धर्म है.

उन्होंने कहा कि संघ से संबंधित विभिन्न संगठनों की अपनी मांगें हैं, संगठनों के तर्क या विचार को मोदी सरकार का विरोध नहीं है. विचार विमर्श से समस्याओं को दूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि गोरक्षा पर हमारा विचार स्पष्ट है और उस विचार पर हम अडिग हैं. गोवंश की रक्षा होनी चाहिये. सरकार को गोवंश की रक्षा के लिये सख्त कानून बनाने के साथ ही सख्ती से इसे लागू करना चाहिये. देश में कोई भी सरकार हो गोवंश की रक्षा के विषय पर हमारा विचार बदलने वाला नहीं है.

भय्या जी जोशी ने संगठन के विस्तार पर कहा कि वर्तमान में हमारी पहुंचे देश के 54000 गांवों तक है, कार्य को 6.5 लाख गांवों तक पहुंचाना है. हम लक्ष्य को हासिल करने के लिये चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ रहे हैं, और जल्द समस्त गांवों तक संघ कार्य पहुंचाने के लिये प्रयासरत हैं. वेब पोर्टल आरएसएस.ओआरजी पर ज्वाइन आरएसएस के रूप में नया प्रयास शुरू किया है और इस पर काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. हर माह पोर्टल के माध्यम से 3000 निवेदन (रिक्वेस्ट) संघ में शामिल होने के लिये मिल रहे हैं. समाज के सभी वर्गों से प्रतिक्रिया मिल रही है.

उन्होंने कहा कि विशेषत: ग्राम विकास, सेवा क्षेत्र तथा अनुसूचित जनजाति के क्षेत्र में संघ कार्य बढ़े इस पर ज्यादा ध्यान देना है. इसके अलावा, सार्वजनिक जीवन में व्याप्त असमानताएं, भेदभाव, अस्पृश्यता नष्ट करने का प्रयास संघ अपनी पद्धति से करने का प्रयास करेगा.
पत्रकार वार्ता के दौरान अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य भी उनके साथ उपस्थित थे.

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