नई दिल्ली. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्णगोपाल जी ने कहा कि पत्रकारिता एक मिशन है. पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर इसका जीवंत उदाहरण हैं. उन्होंने इंगित किया कि कैसे पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर ने समकालीन भारत में इस मिशन को लेकर सच्चा संघर्ष किया है. इस बात की ओर ध्यान आकृष्ट करवाया कि कैसे सरकारी और राजकीय दबावों से लड़ते हुए भी इन दोनों पत्रिकाओं ने राष्ट्र निर्माण के लिए विमर्श को जागृत रखा. वे पाञ्चजन्य और ऑर्गनाइजर के नए वेब संस्करणों के लोकार्पण अवसर पर 14 अप्रैल को इंडिया हेबीटेट सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन भारत प्रकाशन द्वारा किया गया जो इन दोनों साप्ताहिकों का प्रकाशन करता है. स्वतंत्रता पूर्व की पत्रकारिता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि कैसे बिपिन चन्द्र पाल और मदन मोहन मालवीय ने पत्रकारिता में नैतिकता के नए प्रतिमान स्थापित किये. एक पत्रकार समाज के भीतर से खबरें लाते हुए यह नहीं सोचे कि क्या खबरें बिकाऊ हैं या नहीं.
सह सरकार्यवाह जी ने स्पष्ट किया कि आज भी पत्रकारों का एक वर्ग पूरी प्रतिबद्धता और नैतिकता के साथ काम करता है. इन मूल्यों के संवर्धन की जरूरत है. पाञ्चजन्य और आर्गनाइज़र आरंभ से ही ऐसे विषयों को उठाते रहे हैं जो देश के हित में हैं. चीन के भारत पर आक्रमण से पहले 1960 में ही इस संबंध में लेखों द्वारा सरकार को आगाह किया गया था. स्वयं पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी इस संबंध में लेख लिखे थे. इसी प्रकार कई अन्य विषयों पर इन दोनों साप्ताहिकों में समय – समय पर ऐसी रपटें छपती रही हैं जो मीडिया में सामान्यत: जगह ही नहीं पा सकीं, लेकिन देश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हुईं.
पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर जी ने पत्रिका की वेबसाइट को नए कलेवर में प्रस्तुत करने का उद्देश्य साफ किया. आग्रह किया कि वेबसाइट पर समाचार की गति बढ़ने से उनकी सटीकता में कोई कमी नहीं आएगी. नई वेबसाइट के माध्यम से जरूरी खबरों पर त्वरित टिप्पणी की जा सकेगी. प्रिंट पत्रिका के साथ वेबसाइट पर उपलब्ध सामग्री के सहारे विचार आधारित समाचारों के प्रसार की ओर बढ़ा जा सकेगा. पाञ्चजन्य अपने पाठकों के साथ निरंतर संवाद में रहेगा और विदेशी पाठकों के साथ अधिक सरलता से संवाद स्थापित हो पाएगा.
ऑर्गनाइजर के संपादक प्रफुल्ल केतकर जी ने कहा कि वेबसाइट के नए कलेवर में वैचारिक प्रतिबद्धता मौजूद रहेगी. मीडिया में ऑर्गनाइजर और पाञ्चजन्य में छपी सामग्री को ठीक तरीके से प्रकाशित करने में भी इस नए प्रयास से मदद मिलेगी.