आगरा. संघ निर्माता डा केशव बलिराम हेडगेवार ने साधनों के अभाव के बावजूद संघ का विशाल वट वृक्ष खड़ा किया. अब हम स्वयंसेवकों का दायित्व है कि इस वृक्ष को पल्लवित करते रहें. क्षेत्र संपर्क प्रमुख मनीराम जी ने आगरा महानगर के वर्ष प्रतिपदा उत्सव में स्वयंसेवकों को संबोधित किया. वर्ष प्रतिपदा पर ही डा हेडगेवार जी का जन्म हुआ था. कार्यक्रम से पूर्व उन्हें आद्य सर संघचालक प्रणाम किया गया. जनकपार्क, जयपुर हाउस, में आयोजित उत्सव में हजारों स्वयंसेवकों ने गणगीत द्वारा संकल्प व्यक्त किया. ’पूर्ण करेंगे हम सब केशव, आराधना तुम्हारी – – -’.
इस अवसर पर मनीराम जी ने डा. हेडगेवार जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला. स्वयंसेवकों का आह्वान किया कि हम आद्य सर संघचालक जी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर राष्ट्रनिर्माण के लिए सतत प्रयासों के साथ आगे बढ़ें. अभावों में भी प्रसन्न मन के साथ कार्य को अंजाम तक पहुंचाने का जुनून उनमें कूट-कूट कर भरा हुआ था. 1925 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के बाद से 1940 तक डा हेडगेवार जी लगातार अभावों में काम करते रहे. इस बीच राज्यों में उन्होंने कार्यकर्ताओं का निर्माण किया. दस वर्ष के अथक परिश्रम, त्याग और बलिदान के बाद संघ के विस्तार को लेकर उन्होंने लघु भारत को देखा था.
मनीराम जी ने कहा कि संघ की पाठशाला से निकला हुआ व्यक्ति खुद ही अनुशासन का प्रतीक बन जाता है और वह समाज व देश के उत्थान के लिए सतत प्रयास की बात करता है. व्यक्ति निर्माण के बाद संघ का लक्ष्य राष्ट्र निर्माण है. इसी उद्देश्य को लेकर स्वयंसेवक गली-गली, नगर-नगर राष्ट्र निर्माण का अलख जगा रहे हैं. लाख रुकावटों के बावजूद बिना रुके हमें आगे बढ़ना है. अगर ऐसा कर पाते हैं, तभी डा हेडगेवार जी के सपने को पूरा कर सकेंगे. इसका दायित्व हर स्वयंसेवक पर है.
महानगर संघचालक विजय गोयल जी ने डा. हेडगेवार जी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए. उन्हें नमन किया. उनके बताए हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया. जनक पार्क से गणवेशधारी स्वयंसेवकों का घोष के साथ लोहामंडी एवं जगदीशपुरा क्षेत्र में पथ संचलन निकाला गया. मार्ग में नागरिकों ने फूल वर्षा कर स्वागत किया.