विश्व संवाद केंद्र द्वारा छपरा में 28 सितंबर को भगत सिंह जयंती मनाई गई. छपरा के चार्ल्स डार्विन स्टडी सेंटर के परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये वक्ताओं ने उन्हें भावभिनी श्रद्धांजलि अर्पित की. स्थानीय प्रोफेसर प्रभुनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि भगत सिंह पर स्वामी विवेकानंद का प्रभाव देखा जा सकता है. भगत सिंह ने जो सपना देखा था उसे पूरा करना हमारा उद्देश्य है. स्थानीय गंगा सिंह कॉलेज के प्राचार्य श्री के. पी. श्रीवास्तव ने उन्हें क्रांतिदर्शी स्वप्नदर्शता बताया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये जय प्रकाश नारायण विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव डॉ. टी. पी. सिंह ने कहा कि भगत सिंह ने आम लोगों की तरह जीवन जीकर दिखा दिया कि समाज में विशिष्ट बनने के लिये सामान्य जैसा रहना ही आवश्यक है. भारत के तमाम महापुरुषों ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व को सरलीकृत करके ही सफलता पाई. इसमें भगत सिंह भी एक थे. उन्होंने राज्य सरकार द्वार महापुरुषों की जीवनी पाठ्यपुस्तकों से हटाने की घोर निंदा करते हुये कहा कि इसे यथाशीघ्र बहाल किया जाना चाहिये. आखिर नौजवान, किशोर एवं बच्चे किससे प्रेरणा लेंगे? अतः आवश्यक है कि महापुरूषों की जीवनी भी पाठ्यक्रम में शामिल की जाये. कार्यक्रम को संबोधित करते हुये छपरा जिला परिषद् के उपाध्यक्ष राजेन्द्र राय ने विस्तार से भगत सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम को छपरा जिला परिषद् के अध्यक्ष छोटी देवी, सामाजिक कार्यकर्ता केशव प्रसाद सिंह, काजीपुर विद्यालय के पूर्व प्राचार्य राजवंशी सिंह, चार्ल्स डार्विन स्टडी सेंटर के निदेशक अभय सिंह इत्यादि ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर विश्व संवाद केंद्र द्वारा आयोजित 11 दिवसीय पत्रकारिता प्रशिक्षण कार्यशाला के सफल प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र भी प्रदान किया गया. प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र अमनौर के विधायक श्री कृष्ण कुमार मंटू ने प्रदान किया. मंच संचालन अभिमन्यु सिंह ने किया.