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भारतीय फिल्मों में भारतीयता को पुनर्स्थापित करेगा चित्र भारती फिल्मोत्सव – राकेश मित्तल जी

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नई दिल्ली (इंविसंकें). भारतीय चित्र साधना द्वारा चित्र भारती फिल्मोत्सव के प्रचार के लिए कनॉट प्लेस मेट्रो स्टेशन गेट नंबर – 6 के सामने फ्लैश मॉब का आयोजन किया गया. भारतीय चित्र साधना के महामंत्री राकेश मित्तल जी ने चित्र भारती फिल्मोत्सव की जानकारी लोगों के समक्ष रखी. उन्होंने बताया कि चित्र भारती ने आज से दो साल पहले इंदौर में इसकी शुरुआत की थी. पहले फिल्म फेस्टिवल में 8 राज्यों से 309 एंट्रियां आईं थीं, अब दिल्ली में आयोजित होने वाले फिल्म फेस्टिवल में भारत के सभी राज्यों से 703 एंट्रियां अभी तक मिली हैं. उसमें से 160 सबसे अच्छी फिल्में स्क्रीनिंग कमेटी ने छांटी हैं, जिन्हें प्रतियोगिता खंड में शामिल किया गया है. सिरी फोर्ट सभागार में 19, 20 और 21 फरवरी को यह सभी फिल्में देखने को मिलेंगी. भारत से कोई भी व्यक्ति डेलीगेट से रूप में इसमें ऑनलाइन या ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन करा सकता है, जो अपने इंस्टीट्यूट या यूनिवर्सिटी के माध्यम से लेटरहेड पर आवेदन भेजते हैं, उनका डेलीगेट चार्ज नहीं लगेगा.

राकेश मित्तल जी ने कहा कि चित्र भारती के तीन दिवसीय फिल्मोत्सव को चार भागों में बांटा गया है. यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा बनाई जिसमें कैम्पस फिल्मों को दो भागों में विभक्त किया गया है, पहली श्रेणी फिल्म इंस्टीट्यूट के छात्रों की है, दूसरी नॉन फिल्म इंस्टीट्यूट के छात्रों की है. नॉन फिल्म इंस्टीट्यूट के अमेच्योर छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए अलग से यह श्रेणी बनाई गई है. पूना फिल्म इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों के छात्र बहुत अच्छी फिल्में बनाते हैं क्योंकि उनको वही सिखाया जाता है, इसलिए उनके लिए अलग कैटेगरी रखी गई है. इसके अलावा शॉर्ट फिल्म, ऐनीमेशन फिल्म और डॉक्यूमेंट्री फिल्म की तीन कैटेगरी हैं, जिसके अंतर्गत कोई भी भाग ले सकता है.

फिल्मोत्सव में 5 मास्टर क्लास होंगी. जिसमें प्रतिष्ठित फिल्मकारों द्वारा छात्र-छात्राओं को फिल्म मेकिंग की अलग-अलग विधाओं के गुर बताए जाएंगे. स्क्रिप्ट राइटिंग पर दो मास्टर क्लास रखी गई हैं, जिसमें पहले दिन ‘कहानी’, अंजाना-अंजानी लिखने वाली अद्वैता काला जी स्क्रिप्ट राइटिंग की क्लास लेंगी. अंतिम दिन 21 फरवरी को स्क्रिप्ट राइटर विजेन्द्र प्रसाद (बाहुबली 1 और 2, बजरंगी भाईजान जैसी सफल फिल्मों के स्क्रिप्ट राइटर) स्क्रिप्ट राइटिंग की क्लास लेंगे. इसी दिन शोमैन सुभाष घई फिल्म डायरेक्शन पर क्लास लेंगे. 20 फरवरी को मधुर भंडारकर डायरेक्शन पर क्लास लेंगे तथा मनोज तिवारी एक्टिंग पर क्लास लेंगे. 20 फरवरी शाम को नवरस के नाम से एक कार्यक्रम होगा, जिसमें 9 तरह के एक्टिंग के भावों को मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा. फिल्म व थियेटर दोनों विधाओं के एक्टिंग के विद्यार्थियों के लिए यह बहुत ज्ञानवर्धक होगा. 21 फरवरी को पुरस्कृत फिल्मों के नामों की घोषणा की जाएगी, इस बार डेलीगेट्स को भी पुरस्कार हेतु फिल्मों के चयन का मौका दिया गया है. जिन डेलीगेट्स द्वारा चुनी गई फिल्में ज्यूरी से मैच करेंगी, उन डेलीगेट्स को भी पुरस्कृत किया जाएगा. पुरस्कार चयन आठ थीमों पर आधारित है, जिसमें महिला, पर्यावरण, भारतीय संस्कृति, समाज कल्याण सहित कुल आठ थीमों पर एंट्री मंगवाई गई थी. सारी थीम भारतीय कल्चर को लेकर बनाई गई थीं.

उन्होंने कहा कि भारतीय फिल्मों से धीरे-धीरे भारतीयता खत्म होती जा रही है, हमारा उद्देश्य यह है कि भारतीय फिल्मों में भारतीयता को पुनर्स्थापित किया जाए. विश्व को देने के लिए, दिखाने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है वो चीजें समय के साथ विलुप्त होती जा रही हैं उनको स्थापित करने की जरूरत है. आने वाला समय शॉर्ट फिल्मों का है क्योंकि लोगों के पास समय कम होता जा रहा है, स्मार्ट फोन और लैपटॉप आने के कारण लोग यह पसंद कर रहे हैं कि तीन घंटे थियेटर में खराब करने के बजाय फोन या लैपटॉप पर फिल्में देखें. इसलिए हमारा फोकस शॉर्ट फिल्मों पर है. इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के संयोजक जे. नंदकुमार जी ने भी फिल्मोत्सव के बारे में विचार रखे. चित्र भारती फिल्मोत्सव से जुड़े छात्रों ने विभिन्न फिल्मी धुनों पर नृत्य प्रस्तुति दी.

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