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भारतीय समाज की मूल अवधारणा हिन्दू संस्कृति है – आलोक कुमार जी

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मेरठ वर्ग (4)मेरठ (विसंकें). राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मेरठ प्रांत के संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष का रविवार को समापन हो गया. 06 जून से शुरू हुए संघ शिक्षा वर्ग का माधवकुंज, शताब्दीनगर में हुआ. समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक आलोक कुमार जी उपस्थित रहे. उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता है. यह बात अब सिद्ध हो चुकी है. भारत में पुरातत्व विभाग द्वारा खोजे गए कई ऐसे प्रमाण मिले हैं जो कम से कम आठ हजार वर्ष पुराने हैं. इससे यह सिद्ध होता है कि भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति प्राचीनतम है. इस बात का हमें गर्व होना चाहिए कि महाभारत एवं रामायण की सार्थकता आज पूरा विश्व मान रहा है. उन्होंने ऋग्वेद के श्लोक को उद्धृत करते हुए कहा कि सतयुग में ज्ञान की शक्ति थी, त्रेता में मंत्र शक्ति बना, द्वापर में युद्ध शक्ति का प्रतीक बना तथा आज कलयुग में ‘संघे शक्ति कलौयुगे’ यानि संगठन में शक्ति है. आज संगठन में शक्ति है. यह बात विश्व स्वीकार कर रहा है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तो इस बात को अपने शुरूआती दौर से कहता आ रहा है.

उन्होंने कहा कि भारत बारह सौ वर्षों तक अनेक हमले झेलने के बाद भी नहीं मिटा, क्योंकि भारतीय समाज की मूल अवधारणा हिन्दू संस्कृति है और इस संस्कृति को संगठित करने में ऋषियों एवं संतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विचार परिवार लगभग दस करोड़ का है. दुनिया के 90 देशों में संघ का कार्य किसी न किसी रूप में चल रहा है और चालीस देशों में तो गणवेश पहनकर स्वयंसेवक समाज के बीच संघ का कार्य कर रहे हैं.

मेरठ वर्ग (1)आलोक कुमार जी ने संस्कृत भाषा पर कहा कि आने वाले बीस वर्ष बाद तकनीकी एवं विज्ञान की भाषा संस्कृत होगी. विश्व के अनेक देश इसके दूरगामी महत्व को समझते हुए संस्कृत भाषा सीखने लगे हैं. संघ भी इस दिशा में कार्यरत है. विश्व की हर छठी पुस्तक में हिन्दू एवं भारतीय संस्कृति से संबंधित कुछ ना कुछ सामग्री अवश्य प्रकाशित हो रही है. छुआछूत को सामाजिक बुराई के रूप में उद्धृत करते हुए कहा कि संघ ने आगामी वर्षों के लिये यह अभियान लिया है कि छुआछूत को मिटाकर समाज को समरसता के सूत्र में पिरोना है.

गुरूकुल प्रभात आश्रम के कुलाधिपति स्वामी विवेकानन्द ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि संगठन सफलता का आधार है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्य की सराहना करते हुए कार्यक्रम में सम्मिलित प्रतिभागियों को कहा कि आप सभी को समाज का संगठन करना है. हिन्दू संस्कृति की विरासत को आगे ले जाना है. योग की चर्चा करते हुए कहा कि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर विश्व के 193 देशों में विश्व योग दिवस मनाया गया. यह इस बात का प्रमाण है कि भारतीय संस्कृति की मूल अवधारणा मानव कल्याण है, जिस दिशा में योग एक कदम है.

शिविर में प्रशिक्षण लेने वाले स्वयंसेवकों की संख्या 334 रही. संघ शिक्षा वर्ग में प्रत्येक दिन रोटियों की आपूर्ति परिवारों से की गई. शहर के लगभग दस हजार परिवारों ने प्रेमपूर्वक भोजन का सहयोग किया. मंच पर क्षेत्रीय संघचालक डॉ. दर्शन लाल अरोड़ा जी, प्रान्त संघचालक सूर्यप्रकाश टोंक जी, विभाग संघचालक जतन स्वरूप जी एवं वर्गाधिकारी सत्यवीर जी उपस्थित थे.

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