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भारत शांति चाहता है, पर जवाब देना भी जानता है

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नई दिल्ली. पूर्वी लद्दाख की गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प के पश्चात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार प्रतिक्रिया दी. मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भारत शांति चाहता है, पर जवाब देना भी जानता है. 15 जून की रात्रि को गलवन घाटी में सैनिकों की हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें अभी तक की आधिकारिक जानकारी के अनुसार भारत के कर्नल सहित 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं. चीन को भी काफी नुकसान हुआ है.

राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्रियों ने वीरगति को प्राप्त सैनिकों के लिए दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी.

प्रधानमंत्री ने लद्दाख बॉर्डर पर तनाव का जिक्र करते हुए संक्षिप्त संदेश में कहा कि हमने हमेशा शांति की कामना की, हमेशा यह प्रयास किया कि मतभेद-विवाद ना बनें. विक्रम और वीरता भी हमारे देश के चरित्र का हिस्सा है. वीर सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा. देश को हमारे वीर सैनिकों की शहादत पर गर्व है. किसी को भी भ्रम, संदेह नहीं होना चाहिए. भारत शांति चाहता है, पर जवाब देना भी जानता है. भारत अपनी अखंडता से कभी समझौता नहीं करेगा. वीरता हमारे चरित्र में है. भारत उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है.

मैं शहीदों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और उनके परिजनों को भरोसा दिलाता हूं कि देश आपके साथ है. भारत अपने स्वाभिमान और हर एक इंच जमीन की रक्षा करेगा. हमने हमेशा पूरी मानवता के विकास और कल्‍याण की कामना की. हर देशवासी को हमारे वीर जवानों के बलिदान पर गर्व है. हमारे सैनिक मारते मारते बलिदान हुए हैं.

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