नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और स्वतंत्रता सेनानी एवं शिक्षाविद पं मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न सम्मान से नवाजा जाएगा. राष्ट्रपति भवन की ओर से ट्वीट कर जानकारी परदान की गई है, सरकार की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी और मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न देने की घोषणा उनके जन्मदिन की पूर्व संध्या पर की गई. दोनों हस्तियों का जन्मदिन 25 दिसंबर को है. केन्द्र सरकार 25 दिसंबर का दिन ‘गुड गवर्नेंस डे’ के रूप में मनाने वाली है. अब तक कुल 43 लोगों को भारत रत्न सम्मान दिया जा चुका है.
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था, जो भारत के 11वें प्रधानमंत्री बने. अटल बिहारी वाजपेयी 1942 में राजनीति में आए, जब उन्हें भाई के साथ भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान गिरफ्तार किया गया था. वाजपेयी को 9 बार लोकसभा के लिए तथा दो बार राज्य सभा सदस्य चुना गया। मोरारजी देसाई की कैबिनेट में विदेश मंत्री का पद संभाला था। वर्ष 1957 में पहली बार सांसद चुने गए थे. पहले 1996 में 13 दिनों के लिए, उसके बाद 19 मार्च 1998 से लेकर 19 मई 2004 तक सत्ता की बागडोर प्रधानमंत्री के रूप में संभाली। दिसंबर 2005 में वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास ले लिया.
पंडित मदन मोहन मालवीय का जन्म 25 दिसंबर 1861 में इलाहाबाद में हुआ था. मदन मोहन मालवीय एक शिक्षक और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें महामना’ की उपाधि से भी सम्मानित किया गया था.
1909 और 1918 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष रहे. 1916 में मालवीय जी ने ही बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी और 1919 से लेकर 1938 तक विवि के वाइस चांसलर भी रहे. मालवीय जी ने पहली बार 1886 में राजनीति में कदम रखा था, जब दादाभाई के नेतृत्व में कोलकाता में हो रहे दूसरे इंडियन नेशनल कांग्रेस सम्मेलन में हिस्सा लिया था. मालवीय जी की मृत्यु 84 वर्ष की उम्र में 12 नवंबर 1946 को बनारस में हुई.
प्रधानमंत्री नरेंदर मोदी ने ट्वीट कर प्रसन्नता व्यक्त की है, कहा कि दोनों को भारत रत्न दिए जाने का निर्णय गर्व एवं प्रसन्नता का विषय है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा कि मा अटल जी एवं पं मालवीय जी को भारतरत्न से सम्मानित करने से उनके जीवनादर्श एवं राष्ट्र समर्पित जीवन का सम्मान हुआ है.