लखनऊ (विसंके). भारतीय मजदूर संघ के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी जी के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘दत्तोपंत ठेंगड़ी-जीवन दर्शन’ के प्रथम दो खण्डों का विमोचन बुधवार को माधव सभागार निरालानगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य इन्द्रेश कुमार जी ने किया.
इस अवसर इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि श्रमिक राष्ट्र के विकास व सुशासन का मूलतत्व है. जहां श्रमिकों का सम्मान होता है और श्रम से प्यार किया जाता है, वह समाज और देश विकास की नई इबारत लिखता है. वहां पर संघर्ष के बजाए संवाद का जन्म होता है और संवाद से समस्या का समाधान होता है. आज के समय में दत्तोपंत ठेंगड़ी जी का जीवन समस्या के अन्दर समाधान का मार्ग है. उन्होंने कहा कि आज गरीबी, भुखमरी, अपराध, अशिक्षा और बेरोजगारी रूपी राक्षसों से मुक्ति का मार्ग क्या है? ठेंगडी जी ने इन राक्षसों से जीत और मुक्ति का मार्ग क्या हो सकता है, इसका दर्शन श्रमिक कार्यों से दिया है. इन्द्रेश कुमार जी ने कहा कि आज के भोगवाद से अगर निकलना है, देश को शोषण, अत्याचार, हिंसा से मुक्त रखना है तो उसके लिए ठेंगड़ी जी का जीवन प्रकाश स्तम्भ के समान है. आज देश दुनिया को हिंसा, अपराध, शोषण खा रहा है. अगर जीवन मूल्य केन्द्रित समाज रचना होगी तो उसके कारण क्रान्तिकारी परिवर्तन आता है.
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व लखनऊ के महापौर डॉ. दिनेश शर्मा जी ने कहा कि आज के युवाओं को ठेंगड़ी जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. उनका आर्थिक चिन्तन पूंजीवाद और साम्यवाद के अधूरे चिन्तन से उकताये विश्व के लिये एक नई दिशा है. दुनिया भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप चले इस ओर सबकी निगाहें हैं. महापौर ने कहा कि ठेंगड़ी जी ने इंटक में भी काम किया. कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि मजदूर संघ के क्षेत्र संगठन मंत्री पवन कुमार जी ने कहा कि दत्तोपंत जी के बताये रास्ते पर चलना आज का युगधर्म है. उनसे सम्पर्क वाले हर व्यक्ति को लगता था कि दत्तोपंत जी हमारे हैं. दत्तोपंत ठेंगड़ी जी का जीवन हिमालय से भी ऊंचा और समुद्र से भी गहरा था. पवन कुमार जी ने कहा कि दत्तोपंत जी बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर की संस्था शेड्यूल फेडरेशन आफ इण्डिया के 12 वर्षों तक महामंत्री रहे. वर्ष 1952 के प्रथम आम चुनाव में दत्तोपंत जी बाबा साहब भीमराव आम्बेडकर के चुनाव एजेन्ट थे.
सह प्रान्त संगठन मंत्री (उत्तर प्रदेश,उत्तराखण्ड, दिल्ली) अनुपम जी ने कहा कि दत्तोपंत ठेंगड़ी जी ने 70 के दशक में घोषणा की थी कि साम्यवाद अधिक दिनों तक नहीं रहेगा. उस समय यह बात पागलपन लगती थी, आज उनकी भविष्यवाणी सत्य सिद्ध हुई. उन्होंने कहा कि संघ का जो विचार प्रवाह आजादी से पहले चला शून्य से प्रारम्भ होकर आज शिखर पर है. दत्तोपंत ठेंगड़ी जी का जीवन आज की बदली हुई परिस्थिति में अधिक प्रासंगिक हो गया है. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक मा. प्रभुनारायण श्रीवास्तव जी ने की.