राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हिमाचल प्रान्त द्वारा गोहर मण्डी में आयोजित संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष (विशेष) का आज समापन हो गया.
समापन कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र प्रचारक बनवीर सिंह ने कहा कि इस्लाम व ईसाइयों की एक हजार साल की गुलामी भी हमारी सांस्कृतिक विरासत को नहीं मिटा सकी. हम जब अपने देश के इतिहास को पढ़ते हैं तो पता चलता है कि लगभग एक हजार वर्ष तक इस्लाम व ईसाइयों की गुलामी हमारे देश ने झेली व अनेक प्रकार के अत्याचारों को सहन किया. परन्तु अपने धर्म व संस्कृति को मिटने नहीं दिया, जबकि विश्व के कई देश जैसे यूनान, मिस्र, रोम आदि इस्लाम व ईसाइयों के अत्याचारों व कुचक्रों से अपने धर्म व संस्कृति को नहीं बचा सके.
उन्होंने कहा कि प. पू. डॉक्टर हेडगेवार जी, जन्मजात देशभक्त थे, उन्होंने 1925 में विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी और ऐसे नवयुवकों को तैयार किया जो अपने देश व धर्म की रक्षा हेतु सदैव तैयार रहते हैं. आज संघ की स्थापना को 95 वर्ष पूर्ण हो गए हैं और हम जब अपने देश का परिदृश्य देखते हैं तो संघ के स्वयंसेवक राष्ट्र जीवन के हर क्षेत्र में अपनी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं तथा राष्ट्र को पुन: परमवैभव व विश्व गुरु के पद पर आसीन करने की ओर अग्रसर हैं.
संघ शिक्षा वर्ग के वर्गाधिकारी भारतीय सेना से सेवानिवृत्त सूबेदार मेजर पवन कुमार जी ने कहा कि यह वर्ग 40 वर्ष से 65 वर्ष की आयु वर्ग के स्वयंसेवकों हेतु आयोजित किया गया था. वर्ग में कुल 230 स्वयंसेवकों ने शिक्षण प्राप्त किया, जिसमें 42 शिक्षार्थी स्वयंसेवक पंजाब प्रांत, 19 शिक्षार्थी स्वयंसेवक जम्मू प्रान्त, शेष 170 शिक्षार्थी स्वयंसेवक हिमाचल प्रान्त के विभिन्न भागों से शिक्षण प्राप्त करने आए थे. उन्होंने कहा कि शिक्षण वर्ग को सफलता पूर्वक पूर्ण करने में स्थानीय जनता का भरपूर सहयोग मिला. वर्गाधिकारी ने म्याह माता मंदिर संचालन समिति, स्थानीय ग्रामवासियों व प्रशासन का आभार प्रकट किया.