मेरठ/सहारनपुर (विसंकें). संस्कार भारती द्वारा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में श्रीकृष्ण स्वरूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. सरस्वती शिशु मंदिर मेरठ में आयोजित कार्यक्रम में संस्कार भारती के प्रान्त संरक्षक वासुदेव शर्मा ने कहा कि बंसीवाला, माखन चोर, रास रचाने वाला यही कृष्ण का रूप माना जाता है जबकि कृष्ण का तो जन्म ही सत्य, धर्म और मानवता की रक्षा के लिये हुआ था. बचपन में ही उन्होंने कंस के अत्याचारों के विरुद्ध समाज जागरण किया और कंस का वध किया.
श्रीकृष्ण ने अधर्म और अत्याचार के विरुद्ध युद्ध के लिये अर्जुन के मन की कायरता दूर की, उसे युद्ध के लिये तैयार कर महाभारत का शंखनाद भी किया. कृष्ण ने स्वयं कष्ट और संघर्ष में जीवन बिताया, परन्तु समाज में धर्मराज की स्थापना की.
कार्यक्रम में 150 शिशुओं ने बाल कृष्ण रूप लेकर भाग लिया. कार्यक्रम तीन वर्गों में सम्पन्न हुआ. कार्यक्रम अध्यक्ष सोमेन्द्र तोमर तथा मुख्य अतिथि विनीत शारदा अग्रवाल ने प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार प्रदान किये. कार्यक्रम में भाग लेने वाले शेष सभी प्रतिभागियों को भी सान्त्वना पुरस्कार प्रदान किये गये. सहारनपुर में भी संस्कार भारती द्वारा श्रीकृष्ण स्वरूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, साथ ही शोभा यात्रा निकाली गई.