करनाल (विसंकें). सामाजिक समरसता मंच करनाल की ओर से समाज में सद्भावना को कायम रखने और समाज में जात-पात का विष न फैले, ऐसे विषय को लेकर जिला स्तर पर अनेक स्थानों पर राष्ट्रीय एकता महायज्ञ का आयोजन किया गया. समाज के सभी वर्गों की सहभागिता के लिये मंच ने आयोजन समाज के लोगों के सहयोग से ही किया.
करनाल के सैक्टर-4, सेवा समिति आश्रम, बसन्त विहार, टीकरी सहित कस्बा इन्द्री, कारसा, घरौंडा से स्टौंडी, ददलाना, औंगद सहित कई स्थानों पर हवन कार्यक्रम सम्पन्न हुए. कार्यक्रम में हवन यज्ञ के पश्चात् सद्भावना के गीत गाए गये. गाए गए गीतों ने समां बांध दिया और उपस्थित लोगों को समाज हित के लिए प्रेरित करने में पूरा योगदान दिया गया. इस अवसर पर भारत माता के जयघोष लगाये गये. सामाजिक एवं धार्मिक कार्यकर्ताओं द्वारा जैसे सेक्टर- 4 में स्वामी युगल किशोर जी तथा सेवा समिति आश्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कुरूक्षेत्र विभाग प्रचारक नरेन्द्र जी ने समाज को एक सूत्र में सहेज कर रखने की बातें विस्तार से रखी. सामाजिक सद्भावना में निरंतरता बनाए रखने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता मंच के बैनर तले प्रदेश के प्रत्येक गांव में समरसता यज्ञ तथा सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है, प्रत्येक जिला मुख्यालय और नगर मुख्यालयों पर सामाजिक सद्भावना सम्मेलन और बैठकों का आयोजन करने के साथ ही रोहतक स्थित नई अनाज मंडी में प्रांत स्तरीय सामाजिक सद्भावना सम्मेलन का 3 अप्रैल को आयोजन किया जाएगा. सम्मेलन में प्रांत के हर गांव से हर वर्ग के लोगों की भागीदारी होगी.
सम्मेलन में प्रमुख तौर पर जूना पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशानंद जी महाराज, योगऋषि एवं पतंजलि आयुर्वेद के संस्थापक स्वामी रामदेव, जैन मुनी तरुण सागर जी महाराज जैसे महान संतों की उपस्थिति उल्लेखनीय रहेगी. सम्मेलन में प्रदेशभर से संतों, महात्माओं, धर्मगुरुओं के साथ-साथ समाज के हर वर्ग के व्यक्ति को आमंत्रित किया जाएगा.
इस अभियान के माध्यम से प्रदेश के साढ़े छह हजार गांवों तक सामाजिक समरसता का संदेश पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा ताकि हरियाणा का गौरव छत्तीस बिरादरी का सद्भाव फिर से कायम हो सके. गांव में होने वाले सद्भावना यज्ञ के लिए हर घर से समिधा और एक चम्मच घी एकत्र कर हर वर्ग की भागीदारी इसमें सुनिश्चित कराई जाएगी ताकि समाज एकजुट किया जा सके.
उन्होंने बताया कि 27 मार्च तक गांवों, जिला मुख्यालयों एवं कस्बों में सद्भावना सम्मेलनों, यज्ञों एवं यात्राओं का आयोजन किया जाएगा . उन्होंने राजनेताओं को संदेश देते हुए कहा कि राजनीति मानवता के हितों के खिलवाड़ के लिए नहीं होती, बल्कि लोगों को जोडऩे के लिए होती है. यदि किसी के मन में नफरत की दीवार है तो उसे गिरा दें. समाज और देश को एकजुट करने के लिए काम करने की आवश्यता पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि लोग यदि जागरूक होंगे तो सुरक्षा अपने आप हो जाएगी. 35 बिरादरी जैसे नारे समाज के विघटन के कगार पर ले जाने वाले होंगे. इसलिए इसे किसी भी सूरत में सही नहीं कहा जा सकता. कार्यक्रम के अन्त में राष्ट्रीय एकता, अखंडता का संकल्प दिलाया गया.