शिमला (विसंकें). स्वदेशी जागरण मंच शिमला ने चीनी माल का पूर्ण बहिष्कार करने के संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को उपायुक्त रोहन चंद ठाकुर के माध्यम से ज्ञापन भेजा. ज्ञापन स्वदेशी जागरण मंच शिमला विभाग संपर्क प्रमुख डॉ. सुशांत देष्टा के नेतृत्व में सौंपा गया. डॉ. सुशांत देष्टा ने बताया कि ज्ञापन के द्वारा चीनी माल को देश से पूरी तरह बहिष्कृत करने के लिए नीति निर्माण की मांग की गई है. आज देश में चीन से भारतीय सीमाओं पर तनातनी का दौर चल रहा है. इससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है. राष्ट्रीय सुरक्षा अभियान के तहत पूरे देश में एक करोड़ से अधिक लोगों ने अपने हस्ताक्षर किये हैं. शिमला जिले में ही लगभग 15 हजार से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर करके चीन के प्रति नाराजगी प्रकट की है. चीनी मशीनरी, विद्युत उपकरण और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के भारी आयात के कारण व्यापार घाटे से संकट की स्थिति पैदा हो गयी है. इससे हमारे उद्योग धंधे पूरी तरह से चौपट हो गये हैं, साथ भारी बेरोजगारी की स्थिति पैदा हो रही है.
डॉ. देष्टा ने कहा कि हमारे देश से भारी लाभ होने के बावजूद भी चीन शत्रुता का भाव रखता है. पाकिस्तान के अनाधिकृत कब्जे वाले भारत के भू-भाग पर सैनिक अड्डे बनाने का काम कर रहा है. आतंकवादी को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा डाल रहा है, साथ ही अरूणाचल प्रदेश सहित भारत के कई भूभागों पर चीन अपना अधिकार जताता है. मंच ने सरकार से कठोर नीति निर्माण करने की मांग की.
स्वदेशी जागरण मंच की मुख्य मांगें
भारत सरकार द्वारा अमेरिका के बाय अमेरिकन एक्ट 1933 की तर्ज पर ऐसा कानून बनाने की मांग की, जिससे स्वदेशी माल को प्राथमिकता मिले.
चीनी माल में मिले जहरीले रसायनों एवं घटिया गुणवत्ता वाली वस्तुओं के लिए मानक तय किये जाएं, जिससे भारत में चीन का घटिया सामान न बिक पाए.
चीन से आरसेप सहित किसी भी प्रकार का नया समझौता न किया जाए.
चीनी कंपनियां बड़ी संख्या में सामरिक दृष्टि से संवेदनशील एवं महत्वपूर्ण ठिकानों, जैसे उत्तर पूर्व के राज्यों, सीमा क्षेत्र आदि के ठेके लेकर अपनी उपस्थिति बढ़ा रही है. चीनी कंपनियों को भारत में निविदा डालने के लिए प्रतिबंधित किया जाए.