अयोध्या. श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्रभु श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को संपन्न हुई थी. प्रभु श्रीराम के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद से ही देश-विदेश से रामभक्त श्रीरामलला के दर्शन को धर्म नगरी अयोध्या पहुंच रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक 1.5 करोड़ भक्त बालक राम के दर्शन कर चुके हैं, प्रतिदिन औसतन एक लाख श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने मंदिर निर्माण के बारे में बताया कि अभी भूतल का निर्माण ही पूरा हुआ है. मंदिर के चारों तरफ 14 मी चौड़े परकोटे (सुरक्षा दीवार) का निर्माण किया जा रहा है. इस परकोटे पर 6 और मंदिर बनाए जाएंगे. जिसमें चारों कोनों पर भगवान शंकर, भगवान सूर्य, भगवती, भगवान गणेश का मंदिर होगा, उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में अन्नपूर्णा और हनुमान जी का मंदिर होगा. मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप देखने को मिलेगा.
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर में श्रीरामलला के अतिरिक्त महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वशिष्ठ के भी मंदिर बनाए जाएंगे. इसके साथ ही माता शबरी, माता अहिल्या, जटायु के भी मंदिर का निर्माण किया जाएगा. मंदिर परिसर में हरियाली को भी विकसित किया जाएगा. मंदिर के मुख्य द्वार को सिंह द्वार के नाम से जाना जाएगा. मंदिर का निर्माण पूरी तरह भारतीय परंपरानुसार और स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है. पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70 प्रतिशत क्षेत्र हरित रहेगा.
श्रीराम जन्मभूमि मंदिर तीन मंजिला होगा. कुल 2.7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है. इसकी ऊंचाई लगभग 161 फीट की होगी. अयोध्या में अभी से दिव्यता और भव्यता दिखने लगी है. आने वाले दिनों में यहां श्रद्धालु त्रेता युग जैसा अनुभव करेंगे. मंदिर की डिजाइन से लेकर नागर शैली तक विशेष है.