करंट टॉपिक्स

कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में नियुक्तियां रद्द कीं

Spread the love

कोलकत्ता. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले (स्कूल जॉब फॉर कैश स्कैम) में पश्चिम बंगाल सरकार को झटका देते हुए निर्णय सुनाया. उच्च न्यायालय ने मामले में समस्त  नियुक्तियां रद्द करने का आदेश जारी किया. न्यायालय के आदेश के बाद इन सभी को चार सप्ताह में वेतन भी वापस करना होगा. सभी को ब्याज सहित राशि लौटानी होगी.

खंडपीठ ने कहा, “जो लोग लंबे समय से अवैध तरीके से काम कर रहे हैं, उन्हें ब्याज सहित वेतन लौटाना होगा”. न्यायमूर्ति देबांग्शु बसाक और न्यायमूर्ति मोहम्मद शब्बार राशिदी की खंडपीठ ने सीबीआई को नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में जांच करने तथा तीन महीनों में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है. पीठ ने पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग को नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया.

भर्ती घोटाले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कई तृणमूल पदाधिकारियों के साथ ही राज्य शिक्षा विभाग के कई अधिकारी जेल जा चुके हैं. घोटाले को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दाखिल हुई थी. याचिकाकर्ताओं का आरोप था कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला. इतना ही नहीं कुछ शिकायतें ऐसी भी थीं, जिनमें कहा गया था कि कुछ उम्मीदवारों का मेरिट लिस्ट में नाम न होने पर भी उन्हें नौकरी दे दी गई.

उच्च न्यायालय के आदेश के बाद ईडी और सीबीआई दोनों कथित अनियमितताओं की जांच कर रही हैं. तत्कालीन शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी थे. उच्च न्यायालय में दायर याचिका में दावा किया गया कि इस भर्ती घोटाले में कुछ ऐसे भी उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, जिन्होंने टीईटी परीक्षा भी पास नहीं की थी. जबकि राज्य में शिक्षक भर्ती के लिए टीईटी की परीक्षा पास होना अनिवार्य है. इसी तरह से राज्य में साल 2016 में एसएससी द्वारा ग्रुप डी की 13,000 भर्ती के मामले में शिकायतें मिली थीं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *