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पाकिस्तान – सीनेटर दानिश कुमार ने हिन्दू बच्चियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण का मुद्दा उठाया

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अल्पसंख्यकों के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार, और आतंकवादियों को प्रोत्साहन की अनेक घटनाओं के लिए पाकिस्तान विश्वभर में बदनाम है. हिन्दुओं, व अन्य अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले अत्याचार आम हैं. कट्टरपंथी हिन्दू महिलाओं और युवतियों का अपहरण व धर्मांतरण कराने की घटनाओं को लगातार अंजाम देते हैं. पाकिस्तान में रह रहे हिन्दू अल्पसंख्यक हर दिन नई मुसीबतों का सामना करते हैं. नाबालिग हिन्दू लड़कियों का अपहरण और उनकी जबरन शादी और धर्म परिवर्तन के मामले सामने आते रहते हैं. हर साल करीब 1 हजार मामले दर्ज किए जाते हैं, और जिनकी शिकायत नहीं होती उनकी संख्या अलग है. इस तरह की घटनाएँ सबसे अधिक पाकिस्तान के सिंध प्रांत से सामने आती है.

इन्हीं घटनाओं को लेकर पाकिस्तानी हिन्दू सीनेटर दानिश कुमार ने हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार का मुद्दा नेशनल असेम्बली में उठाया है. दानिश कुमार ने पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की पोल खोलते हुए कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंखयकों के साथ दोयम दर्जे का बर्ताव होता है. पाकिस्तानी कट्टरपंथियों की कड़ी आलोचना की. उन्होंने सिंध प्रांत में किडनैप की गई 6 वर्षीय हिन्दू लड़की प्रिया कुमारी का उदाहरण देते हुए कहा कि ये घटनाएं पाकिस्तान के लिए चिंताजनक हैं. कट्टरपंथी सिंध प्रांत में हमारी हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्मांतरण कराते हैं और उन्हें घर से जबरन उठा ले जाते हैं. जबकि इस्लाम और कुरान सिखाता है कि इस तरह से किसी का मजह्ब नहीं बदलवाया जा सकता.

दानिश कुमार ने यह भी कहा कि ये कट्टरपंथी ना तो कुरान के अनुसार चलते हैं, ना ही इंसानियत का पालन करते हैं. उन्होंने भगवान श्री कृष्ण का हवाला देते हुए कहा कि हिन्दुओं ने कभी किसी धर्म विशेष पर धर्मांतरण का दबाव नहीं बनाया क्योंकि श्री कृष्ण ने कहा है कि सभी धर्म बराबर हैं और हमें किसी पर कोई दबाव नहीं बनाना चाहिए.

गौरतलब है कि दानिश कुमार ने इससे पहले भी सदन में बताया था कि कुछ सांसद उन्हें इस्लाम अपनाने का लालच देते हैं और दबाव डालते हैं. वो कहते हैं कि कलमा पढो. वह 2018 में बलूचिस्तान अवामी पार्टी से अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट पर चुने गए थे और पहले भी बलूचिस्तान की विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं.

जनवरी 2023 में UN ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर एक रिपोर्ट जारी की थी. UN के 12 विशेषज्ञों ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यक लड़कियों के अपहरण, धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह के मामलों पर चिंता जताई थी. इसके अलावा पाकिस्तान के ह्यूमन राइट्स कमीशन के अनुसार, पाकिस्तान में हर साल करीब 1 हजार लड़कियों का जबरदस्ती धर्म बदलवा दिया जाता है. इनमें से ज्यादातर लड़कियां सिंध प्रांत के हिन्दू समुदाय से आती हैं. इसके अलावा सिक्ख और क्रिश्चियन कम्युनिटी की भी काफी लड़कियां इसका शिकार बनती हैं. लेकिन आए दिन हो रही इन अमानवीय घटनाओं पर मानवाधिकार की दुहाई देने वालों की नजर नहीं पड़ती. अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं इन घटनाओं पर मूकदर्शक बनकर देखती रहती हैं.

 

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