करंट टॉपिक्स

लोकतंत्र में व्यक्ति या संगठन के लिए संविधान के प्रावधान का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए – दत्तात्रेय होसबाले जी

आपातकाल के दौरान (1975-1977) की परिस्थितियों, सरकार की दमनकारी नीति, संघ की भूमिका पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी से विश्व संवाद...

हम देश को किस ओर ले जाना चाहते हैं, यह हमें तय करना है – कड़िया मुण्डा

रांची, 23 जून. मुख्य अतिथि पद्म विभूषण कड़िया मुण्डा, विशिष्ट अतिथि राज्य सभा सांसद डॉ. महुआ माजी, नरेन्द्र कुमार, आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप...

हिन्दू परिवार व्यवस्था पर आघातों को रोकने व धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने का संकल्प

बजरंग दल द्वारा देश व्यापी शौर्य जागरण यात्रा व संतों के व्यापक प्रवास तय रायपुर. विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति की बैठक रविवार...

आपातकाल – लोकतंत्र की आधारशिला, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता राज्य नियंत्रण से कुचल दी गई

आपातकाल के दौरान आम लोगों द्वारा झेले गए अत्याचारों के साथ-साथ भारतीय जनता द्वारा प्रदर्शित अटूट प्रतिरोध ने राष्ट्र की सामूहिक स्मृति को गहराई से...

मोगा के बलिदानी स्वयंसेवक – जब आतंकियों के सामने डटे रहे स्वयंसेवक

राकेश सैन राष्ट्र विरोधी शक्तियों का स्वाभाविक व साझा दुश्मन है – राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ. जब भी, जहाँ भी और किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी...

स्‍मृतियों के मोती – यथावत है आपातकाल का दर्द; आज की पीढ़ी भी समझे!

डॉ. मयंक चतुर्वेदी सुबह का समय था, समूचे देश ने रेडियो पर तत्‍कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आवाज में संदेश सुना, 'भाइयों और बहनों, राष्ट्रपति...

स्वतंत्र भारत के इतिहास का काला अध्याय ‘न भूतो, न भविष्यति’

शशिकांत चौथाईवाले पूर्वोत्तर भारत - “आपातकाल के काले दिन की यादें” 26 जून, 1975 उत्तर गुवाहाटी के आउनी आरी सत्र (मंदिर) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ...